लखनऊ। उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ फ्राड के मामले में एसटीएफ ने लोक भवन में अनुभाग अधिकारी एवं गिरोह के मास्टरमाइंड रामराज, महमूदाबाद स्थित कोआपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक कर्मवीर और साइबर एक्सपर्ट समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस फ्राड की योजना चारबाग स्थित होटल कंफर्ट में बनाई गई थी लखनऊ समेत कई जिलों में जालसाजी करने का खाका तैयार हुआ था और मुंबई से साइबर एक्सपर्ट को बुलाया गया था। इस प्लानिंग में एक करोड़ से अधिक रुपया खर्च किया था।
इनकी हुई है गिरफ्तारी
एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक लखनऊ के पारा निवासी गिरफ्तार रामराज मूल रूप से फतेहपुर के खागा कुंभीपुर निवासी है और लोकभवन में गृह अनुभाग-15 में अनुभाग अधिकारी है। पकड़े गए शाहजहांपुर के रोजा, लोधीपुर न्यू कालोनी का ध्रुव कुमार श्रीवास्वत (साइबर एक्सपर्ट), असिस्टेंट बैंक मैनेजर कर्मवीर सिंह एटा के अंबेडकर निवासी है। आकाश कुमार कानपुर नौबस्ता बम्बा और बिहार औरंगाबाद के दाऊदनगर जर्गनाथ गांव का भूपेंद्र सिंह है। पांचों को पालीटेक्निक चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है।
रुपये ट्रांसफर के लिए तैयार की थी डिवाइस
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि गिरोह का मास्टर माइंड ध्रुव कुमार श्रीवास्तव है। वह अपने मित्र ज्ञानदेव पाल के साथ मई 2021 में लखनऊ आया था। यहां आकाश कुमार और फिर एक ठेकेदार से मुलाकात हुई। मुंबई से कुछ साइबर एक्सपर्ट बुलाए गए। वह सभी इसी होटल में रुकते थे। हैकरों ने बैंक के खातों से आनलाइन रुपये ट्रांसफर करने के लिए एक डिवाइस तैयार की। कर्मवीर सिंह और ज्ञानदेव पाल ने मिलकर बैंक के सिस्टम में आठ बार डिवाइस लगाई पर सफलता नहीं मिली।
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प्लानिंंग के तहत जाते थे बैंक
इस बीच गिरोह की मुलाकात पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे, बिल्डर गंगा सागर चौहान और अन्य से मुलाकात हुई। बीते 15 अक्टूबर को आरएस दुबे, रवि वर्मा और ज्ञानदेव पाल समेत 15-20 लोग केडी सिंह स्टेडियम पहुंचे। यहां से आरएस दुबे और रवि वर्मा को बैंक भेजा गया, क्योंकि यह लोग तीन से चार महीने से प्लानिंग के तहत अक्सर बैंक जाया करते थे। वहां पर बैठकर काम भी करते थे। पूर्व बैंक प्रबंधक होने के कारण आरएस दुबे को बैंक में बैठने में कोई दिक्कत नहीं होती थी।
करीब ढाई घंटे में ट्रांसफर किए 146 करोड़ रुपये
आरएस दुबे ने बैंक कर्मियों की मदद से बैंक के कैशियर और प्रबंधक की लागइन आइडी और पासवर्ड भी हासिल कर लिया था। बैंक के अंदर सिस्टम में रवि ने साफ्टवेयर कीलागार इंस्टाल किया और डिवाइस लगाई। इसके बाद बैंक के खातों से बिल्डर गंगा सागर चौहान उसके भाई समेत अन्य आठ खातों में 146 करोड़ रुपये करीब ढाई घंटे में ट्रांसफर किए गए और गिरोह के लोग नैनीताल भाग गए। चारबाग स्थित होटल का खर्च करीब 30 लाख रुपये भुगतान किया गया। बीते दिनों साइबर क्राइम मुख्यालय के एसपी त्रिवेणी सिंह और एएसपी सचिदानंद सिंह, इंस्पेक्टर मोहम्मद मुस्लिम खां ने पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे, बिल्डर गंगा सागर चौहान और साइबर एक्सपर्ट सतीश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
नौकरी के नाम पर भी गिरोह करता था ठगी :
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि रामराज से पता चला कि वह अपने साथी विनय गिरी के साथ नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करता था। गिरोह के पास से कुछ हाईस्कूल, इंटर के मूल अंकपत्र, प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, आठ मोबाइल फोन व अन्य दस्तावेज, दो बाइक और एक कार मिली है। 100 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं।