ग्रेटर नोएडा। जिला न्यायालय ने वर्ष 2017 में नोएडा के बरौला गांव में हुए डबल मर्डर के मामले में माता-पिता व उनके दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चारों पर 80 हजार का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड नहीं देने पर चारों को छह महीने का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। केस की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रण विजय प्रताप सिंह ने की।
सजा सुनने के बाद परिवार का मुखिया ओमवीर, पत्नी पुष्पा देवी, बेटे गुलशन व जितेंद्र सिर पर हाथ रखकर जमीन पर बैठ गए। हत्याकांड को अंजाम क्रिकेट खेलने के दौरान हुए विवाद में पैदा हुई रंजिश के चलते दिया गया था।
जानें कैसे हुई थी विवाद की शुरूआत
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता नितिन त्यागी ने बताया कि बरौला गांव के रहने वाले रमेश कुमार शर्मा ने सेक्टर 49 कोतवाली में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया था कि नौ अक्टूबर 2017 की रात करीब नौ बजे उनका भतीजा उमेश और योगेश किसी काम से कल्याण कुंज कालोनी जा रहे थे।
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उनके पीछे कुछ दूरी पर वह और अमित कुमार शर्मा पैदल चल रहे थे। जब उमेश और योगेश बरौला गांव में मकान बना रहे गुलशन उर्फ गुल्लू और जितेंद्र उर्फ जुता के घर के पास पहुंचे तो गुलशन, जितेंद्र और ओमकार ने अपने साथियों के साथ मिलकर उमेश व योगेश पर चाकू से हमला कर दिया। हमले में उमेश व योगेश की मौत हो गई। घटना में गुलशन की मां ने भी पूरा सहयोग दिया।
घटना से करीब दो महीने पहले गुलशन और जितेंद्र का भतीजे उमेश व योगेश के साथ क्रिकेट खेलने के दौरान विवाद किया था, जिसमें समाज के लोगों ने बैठकर फैसला करवा दिया था।
विवाद के बाद से योगेश और उमेश के साथ दोषी पक्ष के लोग रंजिश रखने लगे। पुलिस ने दोषी पक्ष के लोगों को गिरफ्तार कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। केस की सुनवाई कोर्ट में शुरू हुई। छह साल तक चली सुनवाई के दौरान कुल 17 गवाह पेश हुए। गवाह एवं साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने ओमवीर, उसकी पत्नी पुष्पा देवी और बेटे गुलशन व जितेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।