नोएडा। कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने एविएशन सेक्टर में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने वाले दो लोगों को शनिवार शाम गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान राजस्थान भरतपुर के भगवंता सिंह और दिल्ली प्रेम नगर के हर्ष परिहार के रूप में हुई है।
फर्जी ऑफर लेटर जारी किया और ट्रेनिंग भी कराई
आरोपितों की साथी महिला श्वेता मिश्रा फरार है। ये लोग सेक्टर-63 के एच ब्लाक में फर्जी ट्रैवल एंड टूरिज्म के नाम से कंपनी खोलकर बेरोजगार लोगों को ठगते थे। इन लोगों के खिलाफ आगरा के दयाल बाग की डिंपल सागर ने शिकायत की थी।
उन्होंने बताया था कि इन लोगों ने उसे एविएशन सेक्टर में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है। आरोपितों ने धोखाधड़ी करके फर्जी ऑफर लेटर जारी किया और फर्जी ट्रेनिंग कराई।
आरोपितों के पास से चार लैपटाप बरामद
सेंट्रल जोन की डीसीपी सुनीति ने बताया कि आरोपितों के पास से चार लैपटाप, सात मोबाइल, 14 एअरपोर्ट मैनेजमेंट सर्टिफिकेट, दो मेट्रो मैनेजमेंट सर्टिफिकेट, एक डिप्लोमा इन मेट्रो मैनेजमेंट सर्टिफिकेट, 8 खाली सर्टिफिकेट आफ एचीवमेंट भारतीय एअरवेज, 178 हास्पिटेलिटी सर्टिफिकेट, 6 मोहर, 13 मोबाइल सिम, 94 मोबाइल सिम के रेपर, बेरोजगार लोगों का डाटा, 142 विज्ञापन पंफलैट, एअरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ के कार्य की जानकारी का पर्चा, एक नियुक्ति पत्र, 46 नोटबुक बरामद हुई हैं।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने यहां एसआरबीएस भारतीय एअरवेज नाम से कंपनी खोली हुई है। ये लोग बेरोजगार युवक-युवतियों को कॉल करते हैं और अपने जाल में फंसाते हैं। ये लोग 40 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने, रहना, खाना, मेडिकल, पीएफ, आने-जाने आदि का खर्चा कंपनी की तरफ से देने का आश्वासन देते थे।
विश्वास में लेकर ऐंठते थे रुपये
बताते थे कि आपकी नौकरी अर्धसरकारी होगी, लेकिन विश्वास दिलाने के लिए कंपनी की ओर से बनाया हुआ फर्जी ऑफर लैटर ई-मेल के माध्यम से भेज देते थे। ऑफर लैटर मिलने के बाद बेरोजगार व्यक्ति को विश्वास हो जाता था कि उसकी नौकरी लग गई है। इसके बाद उससे एविएशन सर्टिफिकेट समेत अन्य शैक्षिक दस्तावेज मांगते थे।
जब वह एविएशन सर्टिफिकेट नहीं दे पाता था तो बीआरडी इंस्टीट्यूट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ईगल एविएशन के बारे में बताया जाता था। उससे कहते थे कि वह जल्दी से एविएशन का कोर्स कर ले तो उसकी नौकरी एअरपोर्ट पर लग जाएगी। इसके लिए इन संस्थानों का लिंक, मोबाइल नंबर और गूगल पर सर्च का स्क्रीनशॉट वाट्सएप के माध्यम से भेज देते थे।
दाखिले के नाम पर जमा करा लेते थे 10 हजार रुपये
साथ ही जल्दी से दाखिला लेने के लिए बोलते थे और एनरोलमेंट नंबर मांगते थे। इसके बाद उससे 10 हजार रुपये दाखिले के नाम पर जमा करा लेते थे। इसके बाद उसे कुछ वीडियो उपलब्ध कराए जाते थे जिसमें कोर्स संबंधी जानकारी होती है। इसके बाद उस व्यक्ति से कहते थे कि जल्द ही संस्थानों की एनओसी भेजे। जब वह एनओसी की मांग करता था तो संस्थान उससे पूरा पैसा जमा करने की बात कहते थे।
मजबूरी में आकर उसे पूरा धन जमा करना पड़ता था। इसके बाद उसे साक्षात्कार के लिए बुलाते और उल्टे-सीधे सवाल पूछते थे, ताकि वह किसी भी सवाल का जवाब न दे सके और साक्षात्कार में फेल हो जाए। जो लोग पैसा मांगते हैं और दवाब बनाते हैं, उन्हें वकीलों से झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर टरका देते थे। इसके बाद लोग डर जाते थे और शिकायत नहीं करते थे। पुलिस अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है।