देश के सबसे बड़े हॉस्पिटल एम्स में इलाज कराना कितना मुश्किल है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संस्थान में काम कर रहे कर्मचारी तक को डॉक्टर का भेष धरना पड़ रहा है। आज अस्पताल के प्रसूति विभाग में एक ऐसे ही शख्स को पकड़ा गया जो गर्भवति पत्नी को बेहतर इलाज कराने के लिए डॉक्टरों का गाउन पहन कर वार्ड में घूम रहा था। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार आज दिन में करीब 11 बजे एम्स के प्रसूति विभाग के वार्ड के बाहर सुरक्षाकर्मी ने एक सुवक को संदिग्ध अवस्था में घूमते हुए पाया। सुरक्षाकर्मी के पूछने पर युवक ने अपना परिचय एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग के सीनियर रजिडेंट डॉक्टर के तौर पर दिया, लेकिन इसका पहचान पत्र नहीं दे पाया। जिसके आधार पर सुरक्षाकर्मी ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी दे दी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने युवक को पुलिस को सौपं दिया।
पुलिस पूछताछ में युवक ने अपनी पहचान साहिबााद निवासी 25 वर्षीय आशीष त्रिपाठी बताई। उसने लखनउ के एक संस्थान से ऑपरेशन थिएटर एंड मैनेजमेंट का कोर्स किया है। फिलहाल वह एम्स में ही डासलीसीस के मरीजों को ट्रेनिंग देता है। उसका कहना है कि उसकी पत्नी गर्भवति है। उसे वार्ड में भर्ती कराने में सहूलियत के लिए उसने डॉक्टरों वाला सफेद कोट पहन लिया था। बता दें कि एम्स में फर्जी डॉक्टरों के पकड़े जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी मरीजों को भर्ती कराते हुए कई फर्जी डॉक्टर पकड़े जा चुके हैं।