नोएडा। नोएडा लोकमंच अपने सांस्कृतिक प्रकल्प पहला कदम संस्कृति की ओर…. अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से उत्तराखंड की दिव्यांग प्रतिमाओं के उत्थान और उनके कल्याण हेतु कार्यक्रम ‘जीना इसी का नाम है’ का आयोजन रविवार 11 अगस्त को शाम 5:00 बजे से नोएडा 125 के एमिटी विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में कर कर रहा है। इस कार्यक्रम में उत्तरांचल के 25 दिव्यांग कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। यह जानकारी नोएडा के सैक्टर 31 में आयोजित प्रैस कांफेंस पहला कदम संस्कृति की ओर के प्रोजेक्ट चेयरमैन राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण और नोएडा लोकमंच के महासचिव महेश सक्सेना दी। उन्होने बताया की उत्तराखंड की कोकिला कही जाने वाली कल्पना चौहान की प्रस्तुति इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा।
प्रोजेक्ट चेयरमैन राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण ने कहा कि उत्तरांचल की जो संस्कृतिक धरोहर है, उसे नोएडा लोकमंच नोएडावासियो तक पहुंचाना चाहता है। उनका कहना है कि नोएडा लोकमंच लगातार एक साल से कार्यक्रम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। इसका उद्देश्य है कि नोएडा जो एक औद्योगिक नगरी के रूप में मशहूर है, उसे सांस्कृतिक नगरी भी बनाया जा सके। नोएडा में अच्छे संस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए अच्छे ऑडिटोरियम नहीं है। जिसके जिसके कारण नोएडावासियों को अच्छे कार्यक्रम देखने वंचित रह जाते है।
इस अवसर पर नोएडा लोकमंच के महासचिव महेश सक्सेना ने कहा कि विकलांगता चाहे मानसिक हो या फिर शारीरिक, अगर हौसले बुलंद हो तो ऊंची उड़ान भरने से कोई नहीं रोक पाता। ‘जीना इसी का नाम है’ के कलाकारो कि प्रस्तुति को देख इस बात कि अनुभूति होगी। इस कार्यक्रम को देखने के लिए नोएडा एनसीआर के के लोग बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। महेश सक्सेना ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन में इस्कॉन मंदिर, कल्याण करोति, उलार वन रिपब्लिक फाउंडेशन, और सबका प्रयास सोसायटी का सहयोग मिल रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में त्रिलोक शर्मा, ब्रह्म प्रकाश, आरएन श्रीवास्तव, मुकुल वाजपेई भी उपस्थित थे।