नई दिल्ली Sonu Punjaban alias Geeta Arora: गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन की खूबसूरती के पीछे उसकी बदसूरत दरिंदगी भी छिपी हुई है। जांच के दौरान दिल्ली पुलिस के सामने सोनू पंजाबन की दरिंदगी का वह चेहरा सामने आए, जिसे जानकर हर किसी के होश उड़ जाएंगे। सोनू देह व्यापार के नशे में इतनी चूर थी कि वह इंसानियत और महिला होने का सबक तक भूल गई थी। वह नाबालिग लड़की को नशा तक कराती थी और देह व्यापार से मना करने पर शरीर पर लाल मिर्च छिड़क देती थी।
दरअसल, बुधवार नाबालिग का अपहरण कर देह व्यापार में धकेलने से जुड़े मामले में दोषी करार गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन व संदीप बेदवाल को सजा सुनाई गई। नजफगढ़ थाना क्षेत्र से जुड़े इस मामले में द्वारका जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने सोनू पंजाबन को 24 वर्ष की कठोर कारावास व संदीप को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने सोनू पंजाबन को नाबालिग को देह व्यापार में धकेलना, दासता, देह व्यापार के लिए खरीद फरोख्त, जहर देना, गलत इरादा रखना, अनैतिक तस्करी रोकथाम अधिनियम, आपराधिक षडयंत्र से जुड़ी धाराओं में सजा सुनाई है। वहीं संदीप को दुष्कर्म, देह व्यापार, देह व्यापार के लिए खरीद-फरोख्त व अन्य धाराओं में सजा सुनाई गई है।यह मामला वर्ष 2009 का है।
शरीर पर डाली जाती थी मिर्च
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 11 सितंबर 2009 को संदीप ने 12 साल की बच्ची का अपहरण किया और उसे कई बार बेचा गया और अंत में वह सोनू पंजाबन के चंगुल में फंस गई। पीड़िता को सोनू पंजाबन ऐसी दवाइयां देती थी जिससे कि वह बहुत ज्यादा विरोध नहीं कर सके। उसके शरीर पर लाल मिर्च डाली जाती थी। सफेद रंग का पाउडर सूंघने के लिए मजबूर किया जाता था।
देह व्यापार करवाती थी नाबालिग लड़की से
ग्राहक के पास भेजने के एवज में सोनू पंजाबन 1500 रुपये लेती थी। अपहरण के करीब पांच वर्ष बाद पीड़िता किसी तरह नजफगढ़ थाना पहुंची और यहां पुलिस को अपने बयान दिए। अपने बयान में उसने संदीप पर अपहरण का आरोप लगाया। उसने पुलिस को बताया कि संदीप ने उसे कहा था कि वह उससे प्यार करता है। शादी करने का झांसा देते हुए संदीप नाबालिग को लेकर सीमा नामक महिला के घर पहुंचा और दुष्कर्म किया। इसके बाद नाबालिग चार बार बेचे जाने के बाद सोनू पंजाबन के हाथों बेची गई। सोनू पंजाबन ने नाबालिग को देह व्यापार में धकेल दिया। उसने भी नाबालिग को तीन शख्स के हाथों बेचा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वर्ष 2014 में नाबालिग की शादी सतपाल नामक शख्स से करा दी गई। यहां नाबालिग को एक दिन मौका मिला और वह सतपाल के घर से फरार हो गई और सीधे थाना पहुंच गई। पुलिस ने नाबालिग के बयान पर मामला दर्ज किया। इस मामले में सोनू पंजाबन वर्ष 2017 में गिरफ्तार हुई। मार्च 2018 में इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
तिहाड़ जेल संख्या छह में बंद सोनू पंजाबन को जब सजा सुनाई जा रही थी तब वह अदालत से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ी थी। इस दौरान वह काफी उदास थी कुछ देर बाद उसे जेल के बैरक में कड़ी सुरक्षा में लाया गया। जेल सूत्रों का कहना है कि इसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद तिहाड़ जेल में सोनू पंजाबन की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।