वाराणसी। शहर में लगातार चेन स्नेचिंग की घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती बन गई हैं। हेलमेट व मास्क लगाकर बाइक सवार युवक महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। सप्ताहभर के अंदर तीन से अधिक चेन स्नेचिंग की घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस की कार्रवाई भी सिर्फ सीसीटीवी कैमरों पर टिकी हुई है। वहीं लोगों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों में घटनाएं कैद होने के बाद भी पुलिस की नाकामी जारी है। जिले में चेन स्नेचिंग की लगातार बढ़ रही घटनाओं ने अधिकारियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक जुलाई से 15 अक्टूबर तक के आंकड़ों की बात करें तो जिले में चेन स्नेचिंग की 22 घटनाएं हुई थीं, वहीं अभी भी लगातार घटनाएं घटित हो रही हैं। इस अवधि के दौरान वर्ष 2019 में जहां चेन स्नेचिंग की 25 घटनाएं घटित हुई थीं, वहीं 2018 में 19 मामले सामने आए थे। इसके अलावा चेन स्नेचिंग के कई मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें पीड़ित पुलिस के पास नहीं पहुंचते हैं। बढ़ रहे मामलों को लेकर जनता में आक्रोश देखने को मिल रहा है। कई बार सीसीटीवी कैमरा उपलब्ध कराने के बाद भी पुलिस स्नेचरों को नहीं पकड़ पा रही है। लाकडाउन से पूर्व भी चेन स्नेचरों का आतंक था, जिसको लेकर तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चैधरी ने पुलिस की नाकामी को देखते हुए क्राइम ब्रांच को मामला सौंप दिया था। इसके बाद चेन स्नेचरों के गिरोह को गिरफ्तार किया गया था। एक बार फिर से चेन स्नेचिंग की घटनाएं वर्तमान एसएसपी अमित पाठक के लिए चुनौती खड़ी कर दी है।