नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर। आमजन की जांच को आई एंटीजन किट बाजार में बेचे जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अफसर अभी तक मुख्य मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच पाए हैं। साथ ही लैब टेक्नीशियन द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से भी संतुष्ट दिखते नजर नहीं आ रहे हैं। जांच अधिकारी ने अब फर्जीवाड़े की तह तक जाने के लिए कोरोना जांच करा चुके लोगों से स्वयं कॉल कर वार्ता करने की योजना बनाई है। जिससे सच और झूठ से पर्दाफाश हो सके। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य अधिकारियों को भेजे गए गुमनाम पत्र में शामिल सीएमएसडी स्टोर के इंचार्ज एवं चीफ फार्मासिस्ट जगदीश तेवतिया, मनोज चौधरी, लैब टेक्नीशियन हिमांशु गुप्ता, लोकेश कुमार, दीपक चौहान, गौरव गौड़ और राजेश कुमार से जांच अधिकारी एसीएमओ डॉ. नरेश गोयल ने स्पष्टीकरण मांगा था। जो रिमाइंडर भेजने के बाद संबंधित ने अपने को निर्दोष बताते हुए सौंप दिया है। वहीं, इनके स्पष्टीकरण से जांच अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि जांच रजिस्टर में दर्ज लोगों के मोबाइल नंबर जांच में फर्जी एंट्री होने की पुष्टि कर रहे हैं। वहीं, एंटीजन किट मामले में दो से तीन करोड़ रुपये का घोटाला होने का अंदेशा जताया जा रहा है। एसीएमओ डॉ. नरेश गोयल ने बताया कि दिए गए स्पष्टीकरण से वह संतुष्ट नहीं हैं। इसकी धरातलीय जांच कर कार्रवाई की जाएगी। फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड लगातार गुमराह कर रहा है।