गोरखपुर। बाढ़ की विभीषिका झेल रही जनता का गुस्सा अब फूटने लगा है। चौरीचौरा क्षेत्र के राजधानी गांव में बाढ़ पीडि़तों का हाल जानने पहुंचे सांसद कमलेश पासवान के खिलाफ नारेबाजी कर ग्रामीणों ने उन्हें लौटा दिया। नाराज ग्रामीणों ने एक घंटे तक रास्ता जाम कर सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने खजनी क्षेत्र में बाढग़्रस्त इलाकों का जायजा लिया तो विधायक फतेहबहादुर सिंह ने कैम्पियरगंज इलाके के बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचकर जनता को मदद पहुंचाई।
बांसगांव सांसद कमलेश पासवान सोमवार को अपनी विधानसभा चौरीचौरा के राजधानी गांव में बाढग़्रस्त इलाके का जायजा लेने पहुंचे थे। सांसद जैसे ही राजधानी गांव में पहुंचे ग्रामीण उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि तटबंध की मरम्मत अगर समय से हुई होती तो आज उनकी यह स्थिति नहीं होती। बाढ़ से पहले किसी ने दौरा नहीं किया अब घर-बार डूबने पर लोग सहानुभूति जताने आ रहे हैं। हमें ऐसी सहानुभूति नहीं चाहिए। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए सांसद ने उन्हें शांत कराया और बातचीत कर वहां से लौट गए। ग्रामीणों के विरोध का वीडियो सोशल मीडिया पर दिनभर वायरल होता रहा। सांसद ने आश्वस्त किया कि बाढ़ पीडि़तों के साथ वह खड़े हैं। एक-एक व्यक्ति को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
राजधानी गांव के बसंत टोला निवासी बाढ़ पीडि़तों ने राजधानी मार्ग पर पत्थर रखकर जाम लगा दिया। उनका कहना था कि चार दिनों से हमारे घरों में बाढ़ का पानी घुसा है। हमारा परिवार और मवेशी घर से दूर बेहाल हैं। हमारे पास खाने तक इंतजाम नहीं है, लेकिन कोई जनप्रतिनिधि या सरकारी मदद अब तक नहीं मिली है। करीब एक घंटे तक जाम के चलते राजधानी मार्ग पर दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। गण्यमान्य लोगों के समझाने पर ग्रामीण माने और एक घंटे बाद जाम खोला।
उधर, विधायक फतेह बहादुर सिंह ने रिगौली, बहबोलिया, मिरिहिरया, मूसबार, ककटही सहित दर्जनों गांवों का जायजा लेकर बाढ़ पीडि़तों में राहत सामग्री का वितरण कराया। बाढ़ क्षेत्र के दौरा के दौरान ककटही गांव में महिलाओं को साड़ी और ग्रामीणों में दवा वितरण के साथ रिगौली ग्राम सभा के बेलौहा टोले के 350 ग्रामीणों को बाढ़ सामग्री का वितरण किया गया। नायब तहसीलदार विकास कुमार, लेखपाल विनीत कुमार आदि मौजूद रहे।