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दिल्ली में रविदास मंदिर के लिए भूमि आवंटन खर्च उठाने को तैयार, चुनाव से पहले BJP के रास्ते पर पंजाब की चन्नी सरकार

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पंजाब में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही अब राज्य की कांग्रेस सरकार भी भाजपा के रास्ते पर चलती दिख रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार को कहा कि नई दिल्ली के तुगलकाबाद में गुरु रविदास मंदिर (Ravidas Temple in Delhi) के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का पूरा खर्च उठाने को उनकी सरकार तैयार है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2019 में तुगलकाबाद में रविदास मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पुन:निर्माण की अनुमति दी थी। श्रद्धालुओं का मानना है कि 1509 में सिकंदर लोदी के शासनकाल में गुरु रविदास उस स्थल पर गए थे।

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने हाल में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर चमरवाला जोहर तुगलकाबाद समिति से, चार सौ वर्ग मीटर जमीन के अधिग्रहण के लिए 4.33 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कीमत बहुत अधिक होने के चलते बहुत से लोगों ने पंजाब सरकार से इसमें योगदान देने को कहा है। चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार गुरु रविदास की विचारधारा को पहले से मानती रही है, इसलिए उसने निर्णय लिया है कि अगर समिति चाहे तो तुगलकाबाद में मंदिर निर्माण की खातिर जमीन अधिग्रहण के लिए पंजाब सरकार पूरा खर्च वहन करने को तैयार है।

चन्नी ने कहा कि यदि समिति उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार को सेवा प्रदान करना चाहती है तो वह सबसे भाग्यशाली और धन्य होंगे। इस भाव को पंजाब सरकार द्वारा गुरु रविदास को एक विनम्र श्रद्धांजलि बताते हुए सीएम चन्नी ने कहा कि गुरु रविदास ने समानता और सद्भाव के लोकाचार के माध्यम से सामाजिक जागृति लाने के लिए अथक प्रयास किए।

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संपूर्ण मानव जाति के लिए ज्ञान, आस्था और विद्या के भंडार, पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल गुरु रविदास की ‘बानी’ का जिक्र करते हुए चन्नी ने कहा कि आने वाले समय में महान गुरु की गौरवशाली विरासत को कायम रखना राज्य सरकार का नैतिक कर्तव्य है।

बता दें कि, अगले कुछ महीनों में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री चन्नी के इस कदम को चुनावों में दलित वोटरों को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जाना स्वाभाविक है।

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