नई दिल्ली। स्पेशल सेल ने पंजाब, मोगा के रहने वाले एक कुख्यात अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्कर को गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से 45 किलो अफीम बरामद की गई है। पुलिस का दावा है कि बरामद अफीम की कीमत 30 करोड़ रुपये से अधिक है। गिरफ्तार आरोपित, तस्करी करने वाले गिरोह का प्रमुख सदस्य है। मणिपुर से लाई गई अफीम की आपूर्ति आरोपित देश के विभिन्न हिस्सों में कर रहा था। पुलिस ने तस्करी में इस्तेमाल पंजाब नंबर की ट्रक को भी जब्त कर लिया है।
कई मोबाइल और सिमकार्ड बरामद
डीसीपी स्पेशल सेल के मुताबिक गिरफ्तार किए गए तस्कर का नाम जसवीर सिंह है। वह कोकरी कलां, मोगा, पंजाब का रहने वाला है। इसके पास से तस्करी में उपयोग किए जाने वाले कई मोबाइल और सिमकार्ड भी बरामद किए गए हैं।
दिल्ली में आपूर्ति से पहले चल गया पता
सेल को सूचना मिली थी कि मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला गिरोह म्यांमार व मणिपुर की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों से कच्चा माल इकट्ठा कर उससे उच्च गुणवत्ता वाला मादक पदार्थ बनाकर दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में आपूर्ति कर रहा है। उत्तर पूर्वी राज्यों के माध्यम से त्रिभुज क्षेत्र ल्हासा, थाईलैंड और म्यांमार से मादक पदार्थ लाकर तस्कर उसे भारत में आपूर्ति कर रहे हैं।
चावल की बोरियों में छिपाकर रखा गया था अफीम
करीब चार माह के अथक प्रयास के बाद 24 सितंबर को सेल को पंजाब निवासी जसवीर के बारे में तस्करी करने की जानकारी मिली। यह भी जानकारी मिली कि वह बाजपुर निवासी दिलबाग के निर्देश पर अफीम की सप्लाई कर रहा है। उक्त सूचना के आधार पर जसवीर को राजघाट डीटीसी डिपो के पास से दबोच लिया गया। पूछताछ में जसवीर ने बताया उसने मणिपुर के रहने वाले लिमनथांग नाम के एक तस्कर से अफीम खरीदी थी। ट्रक की तलाशी लेने पर 566 चावल की बोरियों के बीच छिपाई गई 45 किलो अफीम बरामद की गई। पूछताछ में उसने यह भी बताया कि वह छह वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा है।
लालच में आकर कर रहा था काम
जसवीर सिंह अनपढ़ है। वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। वह पंजाब में पहले ड्राइवर का काम करता था। दिलबाग सिंह ने उसे अपने साथ काम करने का लालच दिया और आपूर्ति में भारी लाभ के बारे में बताया जिसके बाद उसने दिलबाग के लिए वाहक के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। वह अफीम की खेप लाने के लिए कई बार असम और मणिपुर की यात्रा कर चुका है।