नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की रोहिणी जेल में महाठग सुकेश चंद्रशेखर को सुविधा मुहैया कराने वाले और उससे संबंध रखने वाले 82 जेल अधिकारियों की भूमिका की जांच होगी। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने ईओडब्ल्यू को इन जेल अधिकारियों के खिलाफ जांच करने की अनुमति दी है। दरअसल, सुकेश महाठग का अवैध धंधा जेल के भीतर भी चल रहा है।
इसके ऐवज में जेल के अधिकारियों पर हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपये वसूलने का आरोप है। इस मामले में रोहिणी जेल के 82 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत मिली थी। इसमें दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा ने रोहिणी जेल के 82 अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
आरोप है कि जेल के लोग सुकेश चंद्र शेखर से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये महीना रिश्वते वसूलते थे। ये सुकेश को अलग से बैरक उपलब्ध करवाने एवं जेल में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करवाने के नाम पर ये राशि अधिकारियों को देता था।
जानकारी के मुताबिक प्रकाश चंद, स्टाफ क्वार्टर, तिहाड़ जेल में परिवार के साथ रहता था। वह 2019 से मई 2021 तक रोहिणी जेल में सहायक अधीक्षक था। उस दौरान सुकेश भी रोहिणी जेल में था। उस वार्ड के कैदियों के देखरेख की जिम्मेदारी प्रकाश चंद की थी। प्रकाश चंद ने सुकेश को अपराध करने में मदद की थी।
सुकेश के धोखाधड़ी में शामिल होने व उक्त धंधे में जेल अधीक्षक की भी संलिप्तता का पता चलने के बाद दोनों को रोहिणी जेल से हटाकर तिहाड़ जेल ले आया गया। सुकेश को हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया। वहीं सहायक अधीक्षक प्रकाश चंद को तिहाड़ जेल में जेल नंबर दो के देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।