नोएडा। नोएडा प्राधिकरण की आवासीय भूखंड योजना की नीलामी फ्लाप हो गई है। दलाल विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों से सांठगांठ कर भूखंडों की अनाप शनाप ई-बोली लगवा रहे है। कई भूखंड ऐसे हैं, जिनकी बोली बाजार दर से कई गुना अधिक लगा दी गई है। जानकारों का कहना है कि बोली लगाने वाले अब तकनीकी खामी बताकर शिकायत दर्ज करा रहे है, ताकि भूखंड नीलामी के लिए जमा की गई ईएमडी को जब्त होने से बचाया जा सके।
प्राधिकरण के प्रविधान के अनुसार सर्वाधिक बोली लगाने वालों के आवेदन खारिज होने के बाद दूसरे नंबर की बोली लगाने वालों को भूखंड आवंटित कर दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि दूसरे नंबर की बोली कम लगाई गई। यानि कम दर पर भूखंड की ई-बोली लगाने वाले को भूखंड का आवंटन कर दिया जाएगा। जबकि सर्वाधिक बोली लगाने वाले की ईएमडी तकनीकी खामी बताकर वापस कर दी जाएगी।
9 करोड़ की जमीन 1125 करोड़ में बिक रही
इसी सांठगांठ के जरिये दलालों का पिछले तीन दिनों से प्राइम लोकेशन के आवासीय भूखंड को हथियाने का खेल चल रहा है। नोएडा के सबसे पाश सेक्टर-44 में 143बी स्थित 450 वर्ग मीटर के आवासीय भूखंड को ई नीलामी में 1125 करोड़ 71 लाख 71 हजार 875 रुपये में खरीदाने के लिए सर्वाधिक बोली लगाई। जबकि इस भूखंड का बेस प्राइज 9 करोड़ 31 लाख 21 हजार 875 रुपये था।
यहां भी ऐसा ही हो रहा
यहीं नहीं इसी सेक्टर में ई नीलामी के पहले दिन 350 वर्ग मीटर के सी-236 भूखंड को 49 करोड़ 67 लाख 66 हजार 925 रुपये की बोली पर खरीदा गया। जबकि इसकी वास्तविक कीमत नोएडा प्राधिकरण ने चार करोड़ 96 लाख 66 हजार 925 रुपये थी।
इसी प्रकार से सेक्टर-105 के 112.5 वर्ग मीटर के डी-187 भूखंड को 11 करोड़ 93 लाख सात हजार 890.63 रुपये की शीर्ष बोली लगाई गई। जबकि इस भूखंड के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 94 लाख दो हजार 890.63 रुपये की दर निर्धारित की थी।
बोली लगाने वाले मांग रहे रकम वापस
हैरत की बात यह है कि सर्वाधिक बोली लगाने वाले लोग अब प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर कह रहे हैं कि यह धनराशि गलती से दर्ज हो गई, इसलिए यह निरस्त मानते हुए उनकी जमा धनराशि वापस लौटा दी जाए। प्राधिकरण ऐसा करता है तो दूसरे नंबर की बोली लगाने वाले को भूखंड आवंटित कर दिया जाएगा।
सीईओ ने दिए जांच के आदेश
जानकारों का कहना है कि दूसरे नंबर की बोली काफी कम दरों पर लगाई गई है। मामले की शिकायत मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी के पास पहुंच चुकी है। उन्होंने मामले को संज्ञान लेकर आवासीय भूखंड विभाग को निर्देश दे दिया है कि तकनीकी खामी दिखाकर अनाप शनाप ई बोली लगाने वालों की ईएमडी को जब्त कर दिया जाए। फिर से यह भूखंड ई नीलामी में शामिल होंगे।
उत्तर प्रदेश उद्येाग व्यापार मंडल के एनसीआर चेयरमैन सुनील गुप्ता ने बताया कि प्रापर्टी डीलरों ने आवासीय भूखंड विभाग को गिरफ्त में ले रखा है। प्राइम लोकेशन के वाले वाले भूखंड को हथियाने के लिए सांठगांठ कर योजनाबद्ध तरीके से निलामी कर जा रही है। जिससे प्राइम लोकेशन के समीप प्राधिकरण की 500 से लेकर 100 वर्ग मीटर की ग्रीन बेल्ट पर मुफ्त में कब्जा किया जा सके, क्योंकि प्राइम लोकेशन पर पड़ने वाली ग्रीन बेल्ट को अधिकांश तौर पर नोएडा प्राधिकरण देखरेख के लिए आवंटी को ही जिम्मेदारी सौंप देता है।
नोएडा प्राधिकरण की आवासीय भूखंड विभाग ओएसडी ज्योत्सना यादव ने बताया कि ब्रोशर में स्पष्ट लिखा हुआ है कि यदि कोई गलत तरीके से ई नीलामी करता है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। शीर्ष अधिकारियों की आपत्ति आ चुकी है। इसकी जांच शुरू कर दी गई है।