नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अक्टूबर के आंकड़ों में खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत के नीचे आने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने महंगाई को सरकार और आरबीआई के सामने एक चुनौती बताया।
आगे उन्होंने कहा कि अगर लगातार तीन तिमाही महंगाई दर आरबीआई की ओर से तय किए गए बैंड 2-6 प्रतिशत से अधिक रहती है, तो इसे मौद्रिक नीति की विफलता माना जाएगा। इसके बाद आरबीआई की ओर से केंद्र सरकार को एक पत्र लिखना होगा, जिसमें महंगाई के उच्च स्तर पर रहने का कारण, कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों और कितने समय में महंगाई कम हो जाएगी, इस बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। दास ने जोर देते हुए कहा कि आरबीआई महंगाई को 4 प्रतिशत पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि ग्लोबल अस्थिरता के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन शानदार रहा है और अर्थव्यवस्था मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल लचीले बने हुए हैं। बता दें, भारतीय अर्थव्यवस्था अभी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही है।
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महंगाई को कम करने के लिए कोशिश जारी
आरबीआई गवर्नर दास ने बताया कि पिछले छह से सात महीनों में महंगाई को कम करने के लिए सरकार और आरबीआई लगातार कदम उठा रही है। आरबीआई ने ब्याज दरों को बढ़ाया है और वहीं, सरकार ने आपूर्ति को बढ़ाया है।
सितंबर में महंगाई बढ़ी
सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में खुदरा महंगाई 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो कि अगस्त में 7 प्रतिशत थी। महंगाई अधिक होने के पीछे का कारण दुनिया में कच्चे तेल और खाद्य उत्पादों की कीमत अधिक होना है।