नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले में 1800 किलोमीटर दूर से गांजा लाकर खपाया जा रहा है। गांजा लाने के लिए ट्रेनों का भी सहारा लिया जा रहा है। इसका उदाहरण फेज-2 थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए चार गांजा तस्करों के मामले में देखा जा सकता है।
पुलिस ने दावा किया है कि तस्कर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से ट्रेन के जरिए गांजा लेकर नोएडा आए थे। राज्य पुलिस और आंध्र प्रदेश से नोएडा के बीच रेलवे पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
गांजा तस्कर एक क्विंटल से ज्यादा गांजा लेकर ट्रेन से नोएडा आते हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की मुस्तैदी के चलते उन्हें पकड़ लिया जाता है।
बरामद गांजा पांच नायलॉन की बोरियों में होता है लेकिन रास्ते में आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जैसे किसी भी राज्य की पुलिस और रेलवे पुलिस की पकड़ में नहीं आता। यह हाल तब है जब देश का सबसे बड़ा आयोजन कुंभ मेला चल रहा है।
पैकिंग के खेल से नहीं आ रहे पकड़ में
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तस्कर गांजा भेजने के लिए कूरियर सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। वे गांजा को चालाकी से पैक करवाते हैं ताकि किसी की नजर न पड़े। वे घर तक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी कर रहे हैं। इससे अधिकारियों के लिए शिपमेंट से पहले गांजा का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
युवाओं को बना रहे नशे का आदी
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गिरोह के सरगना अनुज का नेटवर्क पूरे एनसीआर में फैला हुआ है। नेटवर्क के तार ओडिशा और आंध्र प्रदेश तक फैले हुए हैं। नोएडा एजुकेशन हब और औद्योगिक शहर है, इसलिए यहां ड्रग्स की मांग है। गिरोह इसी का फायदा उठा रहा है।
गिरोह के सदस्य युवाओं को गांजा मुहैया करा रहे हैं। इससे युवा नशे के आदी हो रहे हैं। नशे की लत लगने के बाद उनसे ड्रग्स मुहैया कराने के लिए मनमाना पैसा वसूला जा रहा है।
कमिश्नरेट पुलिस नशे पर सख्त
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस नशे को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। पिछले साल तीनों जोन में मैराथन अभियान चलाकर संयुक्त कार्रवाई की गई थी।
100 टीमों ने 700 से ज्यादा जगहों पर चेकिंग कर नशे के कारोबार में लिप्त 68 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जबकि आठ दिन पहले गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस ने 1.25 करोड़ रुपये कीमत का 646 किलो गांजा नष्ट किया था।