ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर के लेखपाल ने फर्जी खतौनी तैयार कर हरियाणा के किसानों के नाम 1100 एकड़ जमीन की फर्जी खतौनी तैयार कर दी। जमीन की कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। जमीन की पैमाईश के दौरान दो खतौनी मिलने पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच की।
लेखपाल को नोटिस जारी
लगभग एक सप्ताह तक चली जांच के दौरान सालों पुराने रिकार्ड खंगाले गए। जिसमें सत्यता का पता चला। अभी तक की जांच में फर्जीवाड़े में पूर्व में जिले में तैनात रहे लेखपाल दीपक की भूमिका सामने आई है। मामले में लेखपाल को नोटिस जारी कर उसका जवाब मांगा जाएगा।
फर्जी खतौनी को निरस्त कर जमीन दोबारा से यूपी के किसानों के नाम दर्ज की जाएगी। गौतमबुद्ध नगर व हरियाणा के बीच यमुना नदी है। नदी में बाढ़ आने पर जमीन की पैमाईश खराब हो जाती है। लेखपाल ने इसका फायदा उठाया। गौतमबुद्ध नगर के फलैदा खादर की सीमा हरियाणा के फरीदाबाद से सटी हुई है।
किसानों के साथ की मिलीभगत
लेखपाल ने फरीदाबाद के किसानों के साथ मिलीभगत कर फर्जी खतौनी तैयार की। तैयार की गई खतौनी में फलैदा खादर के किसानों की 1100 एकड़ जमीन को हरियाणा के किसानों के नाम दर्ज कर दिया। इसका विवाद पिछले लंबे समय से चल रहा था। जांच के दौरान दो खतौनी मिलने पर अधिकारियों को फर्जीवाड़ा समझ में आने लगा।
पिछले एक सप्ताह से मूल खतौनी व अन्य कागजों की जांच चल रही थी। तहसील से रिकार्ड खंगाले गए। जिसमें मूल खतौनी की प्रमाणित प्रति मिल गई। जिसके आधार पर सच्चाई सामने आ गई। जांच में सामने आया है कि लेखपाल से मिलीभगत कर हरियाणा के जिन किसानों ने जमीन अपने नाम कराई थी, दूसरे लोगों के नाम उसका बैनामा कर लाखों रुपये कमा लिए।
जमीन बेचने की तैयारी कर रहे थे किसान
शेष जमीन को भी बेचने की तैयारी चल रही थी। मौके पर पहुंचकर अधिकारियों ने जांच की। अधिकारियों ने बताया कि फर्जी खतौनी के आधार पर जिस जमीन को फरीदाबाद के किसान अपना बता रहे थे उसकी जांच मौके पर पहुंचकर कर की गई। वहां पर गौतमबुद्ध जिला पंचायत विभाग द्वारा बनाई गई सड़क मिली है। जिला पंचायत द्वारा सालों पूर्व बनाई गई सड़क का बोर्ड भी लगा है।
साथ ही उत्तर प्रदेश बिजली व टेलीफोन विभाग के खंभे भी लगे हुए मिले हैं। यदि जमीन हरियाणा के किसानों की होती तो यूपी बिजली व टेलीफोन विभाग के खंबे नहीं मिलते। मामले में सदर तहसील के एसडीएम व तहसीलदार की रिपोर्ट भी प्राप्त कर ली गई। पूर्व में जमीन फलैदा खादर के जिन किसानों के नाम दर्ज है, उन्हें के नाम रहेगी।
मामले में पूर्व में तैनात रहे लेखपाल दीपक की भूमिका संदिग्ध मिली है। उसका यहां से स्थानांतरण हो चुका है। उसे नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। एक सप्ताह तक चली जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि जमीन हरियाणा नहीं यूपी के किसानों की है। -भैरपाल सिंह, डिप्टी कलेक्टर