नोएडा। स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan 2023) मामले में पहली बार एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए नोएडा ने वाटर प्लस सर्टिफिकेट पाया है। इसके अलावा पिछले साल की तरफ इस बार भी गारबेज फ्री सिटी में फाइव स्टार रैंकिंग पायी है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की फाइनल रैकिंग 11 जनवरी को घोषित की जाएगी। उसी समय दोनों सर्टिफिकेट भी नोएडा प्राधिकरण को दिए जाएंगे। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को अपने पोर्टल पर स्वच्छता को लेकर शहरों को दिए सर्टिफिकेट की जानकारी अपलोड कर दी गई।
यूपी में इन मानक पर नंबर-1 की श्रेणी में शामिल हुआ नोएडा
इसके तहत नोएडा ने ऊंची छलांग लगाई है। नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि वाटर प्लस सर्टिफिकेट पाने के लिए तीन-चार साल से प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन अब जाकर सफलता हाथ लगी है। यूपी में इन मानक पर नोएडा नंबर-1 की श्रेणी में शामिल हो गया है।
अभी तक ओडीएफ प्लस प्लस का सर्टिफिकेट नोएडा के पास था। वाटर प्लस इससे एक ऊपर पायदान की श्रेणी होती है। शौचालय और सीवेज लाइन का नेटवर्क जोड़ने की वजह से वाटर प्लस नोएडा को मिला है।
गारबेज फ्री सिटी का पुरस्कार लोगों के घरों से कूड़ा लेना, उसको पृथक-पृथक करना और उसका निस्तारण करने की वजह से मिला है। दूसरी ओर नोएडा को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा। गारबेज फ्री सिटी की फाइव स्टार रैंकिंग पिछले बार भी नोएडा के पास थी। गौरतलब है कि पिछले साल जारी स्वच्छता रैंकिंग में तीन से 10 लाख की आबादी में उत्तर प्रदेश पहला और देश में 11 स्थान मिला था।
11 जनवरी को जारी होगा अंतिम परिणाम
अब 11 जनवरी को फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाएगा। उम्मीद है कि इस बार देश के टाप 10 शहर में नोएडा को स्थान मिलेगा। बता दें नोएडा तीन से 10 लाख तक की जनसंख्या की श्रेणी में प्रतिभाग करता आया है।
इस क्रम में वर्ष 2018 में नोएडा की रैंक 324 रही, 2019 में 150 और प्रदेश में प्रथम स्थान मिला। वर्ष 2019 में नोएडा को गार्बेज फ्री सिटी कैटेगरी में तीन स्टार रैंकिंग ओपन डिफेक्शन फ्री सिटी कैटगेरी में ओडीएफ प्लस प्लस मिला। वर्ष 2020 में 25 वीं रैंक और वर्ष 2021 में 4 रैंक हासिल की।
क्लीनेस्ट मीडियम सिटी और पांच स्टार गर्बेज फ्री सिटी के साथ लगातार प्रोसेसिंग क्षमता को बढ़ा रहा है। यही वजह है वर्ष 2022 में 5 वीं रैंक के साथ बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबिलिटी सिटी चयनित किया गया।
वर्ष 2023 का परिणाम 11 जनवरी को आएगा। यही नहीं नोएडा में एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया गया। वहां पांच हजार स्वच्छता कर्मियों के चेहरे की पहचान की जाती है।
शहर में मैकेनिकल स्वीपिंग सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। यहां ट्रिपल आर के जरिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यहां नालों में बांबू स्क्रीन और एमएस बार स्क्रीन का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि फ्लोटिंग मेटेरियल बाहर निकालकर निस्तारण किया जा सके।