प्रयागराज। उमेश पाल अपहरणकांड में सश्रम कारावास की सजा पाने वाले माफिया अतीक अहमद को अब एक बार फिर अहमदाबाद (गुजरात) की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है। इस बार उसे उमेश पाल हत्याकांड में कोर्ट में पेश किया जाएगा। साबरमती जेल में दोबारा पहुंची उप्र पुलिस को देखकर अतीक कांप गया। मीडिया को देखते ही फिर अपनी हत्या की आशंका जता दी। बोला, पुलिस की नीयत ठीक नहीं है, ये मुझे मार डालना चाहते हैं। मुझे मारने की साजिश रची गई है। इसीलिए बार-बार साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाया जा रहा है।
मेरा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया…मैं जेल में था, मुझे इसके बारे में क्या पता?: उमेश पाल हत्याकांड मामले पर माफिया अतीक अहमद, बूंदी, राजस्थान
प्रयागराज पुलिस, माफिया अतीक अहमद को लेकर बूंदी जेल से रवाना हुई। माफिया अतीक अहमद को हत्या के एक मामले में न्यायालय में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज पुलिस प्रयागराज लेकर जा रही है।
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अपराधी से नेता बने माफिया अतीक अहमद को हत्या के एक मामले में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज ले जा रही प्रयागराज पुलिस का काफिला बूंदी में रुका।
फिर जताई हत्या की आशंका
सुप्रीम कोर्ट ने पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराने के लिए कहा है तब भी गाड़ी से इतनी दूर पर पेशी पर ले जा रहे हैं। गौरतलब है कि इसके पहले 26 मार्च को भी अतीक ने साबरमती जेल से निकलते ही मीडिया से कहा था कि उसे रास्ते में मारने की तैयारी है। मंगलवार दोपहर पुलिस अतीक को साबरमती जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई। कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद मंगलवार दोपहर 2.25 बजे अतीक अहमद को जेल से लेकर पुलिस बाहर निकली।
दोपहर दो बजे तक प्रयागराज पहुंचेगी टीम
डीसीपी (नगर) दीपक भूकर ने बताया कि तकरीबन साढ़े बारह सौ किलोमीटर का फासला तय कर पुलिस टीम अतीक को लेकर बुधवार दोपहर दो बजे तक प्रयागराज पहुंच सकती है। बरेली जेल से माफिया के भाई अशरफ को भी लाकर प्रयागराज की कोर्ट में पेश किया जाएगा। संभावना है दोनों को एक ही दिन अदालत में प्रस्तुत कर कस्टडी रिमांड मांगी जाएगी। 24 फरवरी को दिनदहाड़े शूटआउट में उमेश पाल और उनके सरकारी दो गनरों की हत्या के मुकदमे में अतीक और अशरफ भी साजिशकर्ता के रूप में नामजद अभियुक्त हैं।
पहले भी लाया गया थे जेल
इससे पहले 27 मार्च को माफिया साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था। अगले ही दिन एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरणकांड में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 101 मुकदमों में आरोपित माफिया को किसी मामले में यह पहली सजा थी। अतीक अहमद जून, 2019 से साबरमती जेल में बंद है। उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी से सबारमती जेल में भेजा गया था। 28 मार्च को कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद उसी रात अतीक को वापस साबरमती जेल भेज दिया गया था। तीन दिन बाद ही उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और अशरफ के लिए अदालत से वारंट बी जारी करा पुलिस ने साबरमती तथा बरेली जेल में तामील करा दिया था। मंगलवार सुबह प्रयागराज पुलिस कोर्ट का प्रोडक्शन वारंट (पेशी वारंट) लेकर साबरमती जेल पहुंच गई।
सुरक्षा में सहायक पुलिस आयुक्त , दो इंस्पेक्टर, 30 पुलिस जवान
उप्र पुलिस बायोमीट्रिक लाक वाली प्रिजन वैन से माफिया को ला रही है। पुलिस के जवान बाडीवार्न कैमरे से लैस हैं। अतीक को पुराने रुट से ले जाया जाएगा। उसकी इस यात्रा की लगातार वीडियो रिकार्डिंग होगी। पुलिस व अतीक के हर मूवमेंट पर नजर रहेगी।
प्रिजन वैन में खराबी से डूंगरपुर में रुका काफिला
साबमरती जेल से निकलने के बाद अतीक अहमद को लेकर आ रहा पुलिस वाहनों का काफिला शाम को राजस्थान के डूंगरपुर जनपद से गुजर रहा था, तभी एक प्रिजन वैन में खराबी आ गई। अतीक अहमद को प्रिजन वैन से बाहर लाया गया। करीब डेढ़ घंटे बाद वैन में खराबी ठीक करने के बाद काफिला दोबारा चल पड़ा।
अतीक, अली समेत 11 सदस्यों पर एक और केस
साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद, नैनी जेल में निरुद्ध उसके बेटे अली अहमद के खिलाफ साबिर की शिकायत पर एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। चार साल पहले रंगदारी न देने पर हमले के मामले में प्रयागराज निवासी साबिर हुसैन की तहरीर पर धूमनगंज पुलिस ने अतीक और अली के साथ ही गिरोह के 11 सदस्यों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। अतीक को साजिश रचने का आरोपित बनाया गया है। पुलिस का कहना है कि साबिर पहले अतीक गैंग से जुड़ा था। वह गैंग के सक्रिय सदस्य जाबिर का रिश्तेदार है।
साबिर हुसैन का आरोप है कि 14 अप्रैल, 2019 को वह अपनी मां अफरोज के साथ चकिया वाले घर पर थे। अतीक का बेटा अली सहित अन्य लोग असलहा लेकर आए और दरवाजे पर खड़े होकर बाहर बुलाया। इसके बाद गुर्गे असलम ने अतीक को फोन लगाकर बात कराने का प्रयास किया। उसने मना किया तो अली और आसाद ने कनपटी पर पिस्टल सटा दी। एक करोड़ रुपये की रंगदारी भी मांगी। रंगदारी देने से मना करने पर फायरिंग की। साबिर का यह भी आरोप है कि उमेश पाल की हत्या से करीब 10 दिन पहले असलम मंत्री, असद सहित कई अन्य लोग उसके घर पर आए और रंगदारी मांगी।