उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि, “ऐसा अपराधी अगर जमानत पर जेल से निकलता है तो वह केवल गवाहों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी खतरा होगा.”
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अली अहमद के लिए कहा कि आरोपी खुद माफिया डॉन है. इस पर गन पॉइंट पर पांच करोड़ रुपए की फिरौती, कीमती जमीन लिखने से इनकार करने पर जान से मारने की धमकी देने, साथी असद की ओर से पिस्टल से फायर करने सहित विधायक राजू पाल हत्या केस के मुख्य चश्मदीद गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल होने के आरोप है.
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अपराध करना इनका फैशन- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट के जज ने कहा कि अली अहमद के परिवार के पास अपराध से अर्जित हजारों करोड़ की संपत्ति है. अपराध करना इनका फैशन है. यह आपराधिक केस के गवाहों ही नहीं, समाज के लिए भी खतरा है. इसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है. इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने अली अहमद की जमानत अर्जी खारिज कर दी. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिया है.
करेली थाने में दर्ज है FIR
बता दें कि अतीक के बेटे के खिलाफ करेली थाने में एफआईआर दर्ज है. इसी मामले में जमानत की मांग करते हुए यह याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने कहा कि याची के पिता माफिया अतीक अहमद के खिलाफ हत्या, अपहरण, फिरौती, जमीन हड़पने जैसे 100 से अधिक अपराध दर्ज हैं. अली अहमद पर आरोप है कि उसने 20 लोगों के साथ शिकायतकर्ता के परिवार को घेरा और असलहा के बल पर पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी. अतीक से बात न करने पर जानलेवा हमला भी किया.