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बैरक नंबर एक, कैदी नंबर 338, आजम खान का नया पता… रामपुर जेल में ऐसे गुजरी रात

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रामपुर। पत्नी और छोटे बेटे के साथ दो दिन से जिला कारागार में बंद सपा नेता आजम खां से अभी परिवार या किसी बाहरी व्यक्ति की मुलाकात नहीं हो सकी है। हालांकि शुक्रवार को उनके बड़े बेटे अदीब की ओर से मिलाई के लिए अर्जी लगाई गई थी, लेकिन बाद में वह मिलाई के लिए नहीं पहुंचे। आजम खां को जेल में बैरक नंबर एक में बेटे अब्दुल्ला के साथ रखा गया है।

338 नंबर से जेल में जाने जाएंगे आजम खान

जेल में आने वाले नए बंदियों को इस बैरक में रखा जाता है, जो अस्थायी है। यहां बंदियों की कोविड की जांच के बाद उन्हें दूसरे बैरकों में स्थानांतरित किया जाता है। इसी तरह महिला बंदियों के लिए भी अस्थायी बैरक बनाई गई है, जिसमें आजम खां की पत्नी तजीन फात्मा बंद हैं। जेल प्रशासन ने उनकी फाइल बना दी है, जिसके मुताबिक आजम खां को कैदी नंबर 338, उनकी पत्नी को 339 और बेटे को 340 नंबर दिया गया है।

दो पहचान पत्र से जुड़ा है मामला 

जेल में अब उनकी यही पहचान है। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल द्वारा आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को 18 अक्टूबर को सात साल की सजा सुनाई गई थी। यह सजा अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने को लेकर हुई है। आजम खां की दो दिन से अभी तक एक बार भी पत्नी से मुलाकात नहीं हो सकी है।

जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने बताया कि जब एक ही परिवार के सदस्य जेल में बंद होते हैं तो उनकी रोजाना मिलाई नहीं हो सकती। इसके लिए एक दिन निर्धारित किया जाता है। अभी तक कोई तीनों से मिलने जेल नहीं आया है। शुक्रवार को अदीब आजम की पर्ची आई थी, लेकिन वह मिलाई के लिए नहीं आए। तीनों का स्वास्थ्य सामान्य है। आजम और उनकी पत्नी की उम्र संबंधी समस्याएं हैं। उन्हें जेल के चिकित्सक द्वारा दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं।

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विधायक बोले- आजम ने मुसलमानों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न

शहर विधायक आकाश सक्सेना ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें आजम खां का मुसलमान होने के कारण उत्पीड़न किए जाने की बात कही गई है। विधायक ने कहा कि आजम खां ने सत्ता में रहते रामपुर के मुसलमानों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न किया।

रामपुर के लोगों को गुलाम बनाकर रखा था।राजनीति में भी किसी को आगे नहीं बढ़ने दिया। अपने परिवार और नौकरों को ही चुनाव लड़ाया। मीडिया प्रभारी शानू खां को भी आगे नहीं बढ़ाया। नवाबों ने जितना उत्पीड़न किया था, उससे 10 गुना आजम खां ने किया है। इसलिए आजम को सजा होने से मुसलमान खुश हैं। मिठाई बांट रहे हैं।

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