नई दिल्ली। हैदराबाद में हुए बम धमाके में एनआइए की एफआइआर से साफ हो गया है कि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अपने गुर्गों को हथगोले उपलब्ध कराए थे और हैदराबाद में ”लोन वुल्फ” हमलों और विस्फोटों को अंजाम देने की साजिश रची थी। हैदराबाद के तीन निवासियों के खिलाफ 25 जनवरी को दर्ज की गई प्राथमिकी में यह भी बताया गया है कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा बुक किए गए आरोपित व्यक्तियों को सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए सार्वजनिक समारोहों और जुलूसों में हैंड ग्रैंड फेंकने का निर्देश दिया गया था।
आइएसआइ और लश्कर ए तैयबा के निर्देश पर धमाका
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के अनुसार कई छापेमारी के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया पाकिस्तान स्थित आकाओं ने अब्दुल जाहिद उर्फ जाहिद उर्फ मोहम्मद को यह काम दिया था, जो हैदराबाद में कई आतंकवाद से संबंधित मामलों में आरोपित था।
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प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि जाहिद ने आइएसआइ और लश्कर ए तैयबा के निर्देश पर माज, समीउद्दीन और अन्य कई युवकों की भर्ती की थी। जाहिद के अलावा, एनआइए ने अक्टूबर 2022 में हैदराबाद में आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए माज हसन फारूक और समीउद्दीन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया।
पाकिस्तान स्थित आकाओं से मिले थे हथगोले
आरोपितों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज किया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, जाहिद ने अपने पाकिस्तानी आकाओं के निर्देश पर, अपने गिरोह के सदस्यों के साथ हैदराबाद शहर में विस्फोटों और लोन-वुल्फ हमलों सहित आम लोगों के मन में आतंक पैदा करने के लिए आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची।
प्राथमिकी में कहा गया है, ”यह भी पता चला है कि जाहिद को पाकिस्तान स्थित आकाओं से हथगोले मिले थे और वह सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर हमला करने की योजना बना रहा था।”
हैदराबाद पुलिस ने जाहेद के परिसर से दो हथगोले, दो मोबाइल फोन और 3,91,800 रुपये जब्त करने के बाद एक अक्टूबर, 2022 को यूएपीए के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए, गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन ने मामले को एनआइए को सौंप दिया क्योंकि मामले में अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय संबंध थे।