नई दिल्ली। दिल्ली की जेलों ने एक नया नियम पेश किया है जो कैदियों को विचाराधीन कैदियों के रूप में बिताए गए समय के दौरान उनके अच्छे आचरण के आधार पर छूट प्रदान करने की अनुमति देता है। गुरुवार को एक अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार है कि भारतीय दंड प्रणाली में इस तरह का प्रावधान किया गया है और वर्तमान में केवल सजायाफ्ता कैदी ही अपने व्यवहार के आधार पर छूट के पात्र थे।
जेल अधिकारियों के अनुसार, यह नया नियम कैदियों को विचाराधीन कैदियों के आचरण के आधार पर छूट के लिए विचार करने की अनुमति देगा। हालाँकि, उनके मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद ही उनकी सजा में छूट जोड़ी जाएगी। एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा, इस पहल का उद्देश्य है कि कैदी अच्छे आचरण को प्रदर्शित करें।
पीएम मोदी के साथ अपनी एडिटिड फोटो दिखाकर बनाता था भौकाल, शातिर ठग को STF ने किया गिरफ्तार
ताकि उनकी सजा को कम करने का मौका मिल सके। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 2021 के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल जेल आबादी के संबंध में विचाराधीन कैदियों का प्रतिशत लगभग 77 प्रतिशत था। विडंबना यह है कि देश भर में ज्यादातर नियम दोषियों के लिए ही बनाए गए हैं। सभी छूट, काम की मजदूरी की सुविधा, पैरोल, फरलो, खुले संस्थान मुख्य रूप से दोषियों के लिए ही हैं।