नई दिल्ली। IIP Growth: भारत का औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) अगस्त में 18 महीने के निचले स्तर पर आ गया। माइनस 0.8 प्रतिशत पर अगस्त के औद्योगिक विकास का आंकड़ा अनुमान से काफी नीचे है। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि इसका मुख्य कारण विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के उत्पादन में गिरावट है।
आंकड़ों से पता चला है कि फरवरी 2021 में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि में सबसे अधिक गिरावट हुई थी। मई में औद्योगिक विकास दर 19.6 प्रतिशत के एक साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद से लगातार गिर रही है।औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा गया फैक्ट्री प्रोडक्शन अगस्त 2021 में 13 प्रतिशत बढ़ा था। इस वर्ष जुलाई में IIP में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
किस सेक्टर में कितनी गिरावट
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले की अवधि में दर्ज 11.1 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अगस्त 2022 में विनिर्माण क्षेत्र में 0.7 प्रतिशत की कमी आई है। बिजली क्षेत्र ने एक साल पहले 16 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 1.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। अगस्त 2022 में खनन क्षेत्र में 3.9 प्रतिशत का संकुचन देखा गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में 23.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
इस साल अप्रैल-अगस्त के दौरान आईआईपी एक साल पहले की समान अवधि में 29 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 7.7 प्रतिशत बढ़ा। पूंजीगत वस्तुओं (Capital Goods) का उत्पादन अगस्त 2022 में पांच प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेगमेंट में एक साल पहले की 11.1 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले 2.5 फीसदी की गिरावट आई है।
प्राइमरी गुड्स का क्या है हाल
प्राइमरी गुड्स सेगमेंट, जिसका औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में लगभग 34 प्रतिशत हिस्सा है, अगस्त में 1.7 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 16.9 प्रतिशत था। मंत्रालय ने कहा कि मार्च 2020 से COVID-19 महामारी के कारण असामान्य परिस्थितियों को देखते हुए, पिछले वर्ष की इसी अवधि तक वृद्धि दर की आंकड़े फिलहाल अभी उपलब्ध नहीं हैं।