बरेली: जिला जेल अधीक्षक के सीयूजी नंबर पर फोन कर जेल वार्डन को गोली मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। फोन करने वाले शख्स ने ने खुद को जेल में बंद बंदी हनी सिंह यादव का भाई बताया है। हनी सिंह पर हत्या, गैंगस्टर समेत कई मुकदमे दर्ज हैं। हनी सिंह के दोनों भाइयों का भी लंबा आपराधिक इतिहास है।
वहीं जेलर राजीव कुमार मिश्रा के शिकायती पत्र के आधार पर बिथरी चैनपुर पुलिस ने हनी सिंह के भाई के विरुद्ध अभद्रता व धमकी की धारा में मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद बिथरी पुलिस ने फोन करने वाले शख्स हनी सिंह के भाई अंकित यादव को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने सगे भाई दीपू व परिवार के एक अन्य भाई रोहित के घटना में शामिल होने की बात स्वीकारी है, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया, जबकि अन्य दोनों की तलाश में पुलिस जुटी है।जिला जेल के जेलर राजीव मिश्रा की ओर से लिखाई गई प्राथमिकी में बताया गया कि बुधवार रात करीब 8.40 बजे एक व्यक्ति ने जेल के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव शुक्ला के सीयूजी नंबर पर फोन किया। उसने खुद को जेल में निरुद्ध बंदी हनी सिंह यादव का भाई बताया। आरोपी ने हनी को हाई सिक्योरिटी बैरक में डालने की बात पर अभद्रता की और जेल वार्डन भूरी सिंह को गोली मारने की धमकी दी।
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जानकारी मिलने पर सक्रिय हुई पुलिस
आरोप है कि इससे पहले आरोपी ने शाम करीब 7.53 बजे उनके व्यक्तिगत मोबाइल नंबर पर भी दूसरे नंबर से फोन किया था और जेल वार्डन भूरी सिंह का पता पूछा था। जेलर ने आशंका जताई कि आरोपी कोई भी अप्रिय घटना कारित कर सकता है। धमकी की जानकारी मिलते ही बिथरी पुलिस सक्रिय हो गई। हनी सिंह यादव बिहारीपुर ढाल का रहने वाला है।
लिहाजा, बिथरी पुलिस ने तुरंत ही कोतवाली पुलिस से संपर्क किया। कोतवाली पुलिस ने हनी के भाई अंकित यादव उर्फ सुमित को उठा लिया। बिथरी पुलिस के मुताबिक, दो अलग-अलग नंबरों से किये गए फोन नंबर दीपू व रोहित के निकले। इसी के बाद पूछताछ में आरोपी अंकित ने घटना में तीनों के शामिल होने की बात स्वीकारी। आरोपी अंकित के पास से तमंचा भी बरामद किया गया।
प्रशासनिक आधार पर रामपुर जेल किया गया था स्थानांतरित
जेलर राजीव मिश्रा ने बताया कि कुछ समय पहले ही हनी सिंह यादव को प्रशासनिक आधार पर रामपुर जेल स्थानांतरित किया गया था लेकिन, एडीजे प्रथम के आदेश पर उसे यहां रोक दिया गया। अनुशासनहीनता के चलते जेल प्रशासन ने उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा है। बीते करीब छह साल से वह जेल में बंद है। बिथरी चैनपुर पुलिस के मुताबिक, उस पर हत्या, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर, धोखाधड़ी समेत कई प्राथमिकी हैं।
एक के विरुद्ध 24 से अधिक प्राथमिकी
हनी सिंह यादव के दो भाई अंकित यादव उर्फ सुमित एवं दीपू हैं। दोनों का भी लंबा आपराधिक इतिहास है। बिथरी पुलिस के मुताबिक, इसमे एक के विरुद्ध हत्या, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर समेत 24 से अधिक प्राथमिकी हैं। कोतवाली पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट भी खोली है वहीं, दूसरे भाई पर करीब पांच प्राथमिकी हैं।
जिला जेल वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने बताया कि धमकी देने वाले ने खुद को बंदी हनी सिंह यादव का भाई बताया। मामले में बिथरी थाने में प्राथमिकी लिखाई गई। पुलिस की जांच में आरोपी के भाइयों की ही संलिप्तता सामने आई है, जिसमें से पुलिस ने एक को जेल भेज दिया है।