नई दिल्ली। सब्जी मंडी थानाक्षेत्र के खरिया मोहल्ला स्थित रैन बसेरा में एनजीओ कर्मी युवती व वहां रहने वाली एक अन्य मानसिक रोगी युवती के साथ एनजीओ के डायरेक्टर व कर्मचारी द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। वारदात से पहले व बाद में दोनों आरोपित, पीड़ित एनजीओ कर्मी के साथ अक्सर रात में रैन बसेरे में छेड़खानी व दुष्कर्म करने की कोशिश करते रहे। उनकी हरकतों से तंग आकर बार-बार युवती, एनजीओ की डायरेक्टर परमजीत कौर से शिकायत करती रही किंतु हर बार वह उसी को झूठे मुकदमा में फंसाने व जान से मरवा डालने की धमकी देती रही। दोनों आरोपित भी उसे जान से मारने की धमकी देते रहे। बाद में पीड़िता को नौकरी से भी निकाल दिया गया। दिल्ली महिला आयोग के जरिए पुलिस में शिकायत करने पर दोनों के खिलाफ मुकदमा सामूहिक दुष्कर्म, छेड़खानी व जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
डीसीपी उत्तरी जिला सागर सिंह कलसी के मुताबिक सोमवार को दोनों युवतियों का बयान दर्ज किया जाएगा। उसके बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एनजीओ की महिला डायरेक्टर व अन्य की भी भूमिका सामने आने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। मामले में एनजीओ के कई लोग गिरफ्तार हो सकते हैं।
रैन बसेरा के अंदर इस तरह का मामला सामने आने पर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने आश्रय अधिकार अभियान एनजीओ से रैन बसेरा वापस ले लिया है। अब किसी अन्य एनजीओ को उसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
सब्जीमंडी की रहने वाली 22 साल की युवती प्रीति (बदला हुआ नाम) ने 14 नवंबर को आश्रय अधिकार अभियान नाम की एनजीओ में नौकरी पकड़ी थी। यह एनजीओ खरिया मोहल्ला स्थित रैन बसेरा का संचालन करती है। इस रैन बसेरे में मानसिक रूप से कमजोर 11 महिलाएं व एक 25 साल की युवती रहती हैं।
एनजीओ की डायरेक्टर परमजीत कौर व संजय है। संजय विजय नगर में रहता है। एनजीओ में हरवंश लाल नाम का एक कर्मचारी भी काम करता है, जो रोशन आरा रोड पर रहता है। शिकायत में प्रीति ने आरोप लगाया कि 8 जनवरी को संजय ने रैन बसेरा में रात को उसके साथ दुष्कर्म किया। इससे पहने भी संजय व हरवंश लाल ने एक दिन रात में रैन बसेरा आकर उसके साथ गंदी हरकतें की थी और दुष्कर्म करने की कोशिश की थी। विरोध करने पर दोनों ने माफी मांगी थी। नए साल की पार्टी के दौरान भी संजय ने रात को रैन बसेरा में प्रीति के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की थी लेकिन मौके से भाग जाने पर वह मकसद में सफल नहीं हो पाया था।
पहले तो लोकलाज के डर से प्रीति ने किसी से आपबीती नहीं बताई। उसके मापा-पिता का देहांत हो चुका है। बार बार छेड़खानी व हवस का शिकार बनाने की कोशिश करने पर 9 जनवरी को घटना के अगले दिन प्रीति ने जब परमजीत कौर को फोन कर शिकायत की तब उसे आफिस में आकर मिलने को कहा गया। वहां आकर शिकायत करने पर परमजीत कौर ने पीड़िता को किसी से भी आपबीती नहीं बताने को कहा अन्यथा उसे जान से मार डालने की धमकी दी। उसी रात संजय व हरवंश ने भी रैन बसेरा आकर उसे किसी से बताने पर मार डालने की धमकी दी। 23 जनवरी की रात संजय व हरवंश ने रैन बसेरा आकर मानसिक रोगी युवती से सामूहिक दुष्कर्म कर दिया।
पीड़िता ने जब प्रीति को आपबीती बताई और डाक्टर के दिखाने की बात कही तब उसने फिर परमजीत से शिकायत की। उसने फिर प्रीति को नौकरी से निकाल देने की धमकी देकर चुप करा दिया। चार मार्च को प्रीति को नौकरी से निकाल दिया गया। कुछ दिन वह डर व शर्म की वजह से चुप रही 16 मार्च को दिल्ली महिला आयोग में शिकायत कर दी। शिकायत कर वापस घर लौटने के दौरान किसी से मिली जानकारी के बाद एनजीओ में काम करने वाले सजन लाल ने रास्ते में उसे रोक लिया और कार से अगवा करने की कोशिश की। लेकिन भाग कर उसने जान बचा ली। उसके बाद आरोपित उसे फोन कर पैसों का लालच देकर समझौता करने की बात कहने लगे। 25 मार्च को महिला आयोग से पुलिस को शिकायत मिलते ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया।