नई दिल्ली। सीबीआई ने 34,614 करोड़ रुपये के डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी मामले में कारोबारी अजय रमेश नवांदर को बुधवार को मुंबई से गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले हफ्ते अजय रमेश नवांदर के परिसरों में तलाशी ली और रोलेक्स ऑयस्टर परपेचुअल, कार्टियर, ओमेगा और हबलोत माइकल कोर्स सहित करोड़ों रुपये की बड़ी संख्या में उबर-लक्जरी घड़ियां बरामद कीं। सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) और इसके पूर्व सीएमडी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और अन्य पर 34,614 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी के आरोप में, यह एजेंसी द्वारा जांचा गया सबसे बड़ा ऐसा मामला है।
सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल), उसके पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और अन्य के खिलाफ 34,614 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही यह एजेंसी द्वारा जांच की गई सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी का मामला बन गया था। मामला दर्ज होने के बाद एजेंसी के 50 से अधिक अधिकारियों की एक टीम ने प्राथमिकी में दर्ज आरोपियों से संबंधित 12 स्थानों पर मुंबई में तलाशी ली, जिसमें अमरेलिस रियल्टर्स के सुधाकर शेट्टी और आठ अन्य बिल्डर भी शामिल थे।
अधिकारियों ने कहा कि डीएचएफएल बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने 2010 और 2018 के बीच विभिन्न व्यवस्थाओं के तहत कंसोर्टियम से 42,871 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा का लाभ उठाया था। कर्जदाता बैंकों की ओर से इन बैंक खातों को समय-समय पर एनपीए घोषित कर दिया गया। जब जनवरी, 2019 में डीएचएफएल के खिलाफ जांच शुरू हुई थी तो कर्जदाता बैंकों ने एक फरवरी, 2019 को इस संबंध में बैठक की थी। इन सदस्यों ने डीएचएफएल का स्पेशल रिव्यू आडिट एक अप्रैल, 2015 से 31 दिसंबर, 2018 तक कराया। इसके बाद बैंकों ने कपिल, धीरज वधावन के खिलाफ लुक आउट सकुर्लर जारी कराया गया ताकि यह दोनों देश छोड़कर विदेश ना जा सकें।