नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने को-लोकेशन मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (former chief executive officer) चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को रविवार को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने ये जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि रामकृष्ण को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया और उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया. उन्होंने बताया कि बाद में उन्हें सीबीआई मुख्यालय में हवालात में रखा गया. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने रामकृष्ण से लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की और उनके आवास पर तलाशी ली.
अधिकारियों ने कहा कि वो उचित जवाब नहीं दे रही थीं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक की सेवाएं भी लीं, जिन्होंने भी उनसे पूछताछ की. अधिकारियों ने कहा कि मनोवैज्ञानिक भी इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि एजेंसी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने बताया कि सीबीआई की एक विशेष अदालत ने शनिवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
चित्रा रामकृष्ण ने 2013 में एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण की ली थी जगह
सीबीआई ने चित्रा के कार्यों में एक रहस्यमय योगी के मार्गदर्शन से संबंधित भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की एक रिपोर्ट में नए तथ्यों के सामने आने के बाद को-लोकेशन मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए 25 फरवरी को एनएसई समूह के पूर्व संचालन अधिकारी (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया था. सुब्रमण्यम को फॉरेंसिक ऑडिट में कथित योगी बताया गया था, लेकिन सेबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में दावे को खारिज कर दिया था. रामकृष्ण ने 2013 में एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण की जगह ली थी. उन्होंने सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था, जिन्हें बाद में 4.21 करोड़ रुपए प्रति वर्ष के मोटे वेतन पर जीओओ के रूप में प्रमोशन किया गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है. सीबीआई का दावा है कि तीनों लोगों ने इन दोनों संस्थाओं के साथ मिलकर सालों तक इस गैर-कानूनी काम को किया है.