नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से कल अपनी याचिका का उल्लेख करने को कहा। नायडू ने कथित कौशल विकास घोटाला मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए तत्काल सुनवाई की मांग वाली अपनी याचिका का उल्लेख किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के वकील से कौशल विकास घोटाला मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली अपनी याचिका का 26 सितंबर को उल्लेख करने को कहा।
नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने याचिका पर तत्काल सुनवाई का जैसे ही उल्लेख करने की कोशिश की (जो उल्लेख सूची में सूचीबद्ध नहीं थी) पीठ ने उनसे कल इसका उल्लेख करने को कहा। लूथरा ने पीठ को बताया कि मामला आंध्र प्रदेश राज्य से संबंधित है जहां विपक्ष पर अंकुश लगाया जा रहा है।
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हाई कोर्ट ने शुक्रवार को FIR रद्द करने से किया इनकार
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि उल्लेख सूची में कल आएं। नायडू ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया।
वर्तमान में विपक्ष के नेता और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नायडू ने अपने खिलाफ कार्रवाई को “शासन का बदला लेने और सबसे बड़े विपक्ष ‘तेलुगु देशम पार्टी’ को सत्ता से हटाने का एक सुनियोजित अभियान” बताया।
10 सितंबर का गिरफ्तार हुए थे चंद्रबाबू नायडू
आपको मालूम हो कि तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू को कथित घोटाले में 10 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। चंद्रबाबू नायडू अभी भी पुलिस हिरासत में हैं। नायडू के खिलाफ एफआईआर 9 दिसंबर, 2021 को दर्ज की गई थी और उन्हें 7 सितंबर, 2023 को मामले में 37वां आरोपी बनाया गया।