नई दिल्ली। हर एक गुजरते वक्त के साथ चंद्रयान-3, चांद के और करीब पहुंच रहा है। 25 जुलाई (मंगलवार) को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने जानकारी दी कि चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने की अपनी पांचवीं और अंतिम प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
ISRO ने ट्वीट कर दी जानकारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, “अंतरिक्ष यान के 127609 किमी X 236 किमी की कक्षा हासिल करने की उम्मीद है। अवलोकन के बाद हासिल की गई कक्षा की पुष्टि की जाएगी।” इसके साथ ही इसरो ने बताया कि अगली फायरिंग, ट्रांसलूनर इंजेक्शन (टीएलआई), 1 अगस्त को भारतीय समयानुसार रात 12 बजे से 1 बजे के बीच करने की योजना है।
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चंद्रयान -3 का अंतिम लक्ष्य
चंद्रयान -3 का अगला कदम पृथ्वी से चंद्रमा प्रक्षेप पथ (Trajectory) पर स्थानांतरित करना है, जहां चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण आखिर में इसे चंद्र कक्षा में खींच लेगा। आपको मालूम हो कि चंद्रयान -3 का अंतिम लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग है।
चांद की सतह पर कब होगी लैंडिंग?
चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर 23 अगस्त को लैंड करने की उम्मीद जताई गई है। आपको बता दें कि चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसकी लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी। इसरो ने लैंडिंग के लिए यहां सुरक्षित स्थान खोज निकाला है। अभी तक किसी भी देश ने यहां पर लैंडिंग नहीं की है। इस मिशन का बजट तकरीबन 615 करोड़ है।