ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) में सफाई के ठेके देने में खेल सामने आया है। दो ठेके में फाइनेंशियल निविदा खोलने के लिए पहले कुल 11 कंपनियों को चुना गया था, लेकिन महाप्रबंधक परियोजना ने निविदा की तकनीकी मूल्यांकन के लिए गठित समिति की संस्तुति को दरकिनार करते हुए दोबारा परीक्षण के आदेश कर दिए।
मजेदार बात यह है कि जिस समिति ने पहले 11 कंपनियों की तकनीकी मूल्यांकन के आधार पर फाइनेंशियल निविदा खोलने की संस्तुति की थी। उसी समिति ने महाप्रबंधक के आदेश के बाद दोनों ठेके में तीन-तीन कंपनियों की फाइनेंशियल निविदा खोलने की संस्तुति कर दी।
सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने एसीईओ को सौंप जांच
दोनों की ठेके में फाइनेंशियल निविदा के लिए चयनित कंपनी एक समान हैं। शिकायत मिलने पर हुई प्राथमिक जांच में अधिकारियों का खेल सामने आने के बाद सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने एसीईओ को जांच सौंप दी है।
इसके साथ ही तकनीकी मूल्यांकन में सफल सभी 11 कंपनियों को फाइनेंशियल निविदा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
क्या है मामला?
यमुना प्राधिकरण ने 96 शहरी गांव में सफाई की जिम्मेदारी अर्नामेंट सिक्योरिटी सर्विस को सौंप रखी थी, लेकिन सफाई कर्मियों के भौतिक सत्यापन में सामने आया है कि नियुक्त कर्मियों के सापेक्ष उपलब्ध कर्मियों की संख्या कम है। सफाई कर्मियों की संख्या में हेरफेर करने पर प्राधिकरण ने कंपनी का ठेका निरस्त करने के साथ ही उसे काली सूची में डाल दिया।
इसके साथ ही शहरी गांव की संख्या 106 होने पर जाेन में बांटकर दो ठेके जारी करने का फैसला किया।इसके लिए जुलाई में निविदा मांगी गईं। इसमें एक निविदा साठ गांव में सफाई कार्य के लिए, जिसके लागत 759.82 लाख व 46 गांव के लिए जारी होने वाले ठेके के लिए 815.42 लाख की राशि निर्धारित की गई।
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60 गांव के लिए जारी होने वाली निविदा में आठ कंपनियों अनुष्का कंस्ट्रक्शन, अग्रवाल एंड कंपनी, श्रीराम कंस्ट्रक्शन, अर्नामेंट सिक्योरिटी सर्विस, मनोज कुमार, एडवांस सर्विस प्रा. लि., एमबीसी इंफ्राटेक प्रा. लि., बिमलराज आउटसोर्स प्रा. लि. शामिल थी, में से अनुष्का कंस्ट्रक्शन और अर्नामेंट सिक्योरिटी सर्विस को छोड़कर अन्य को फाइनेंशियल निविदा खोलने की समिति से संस्तुति की।
46 गांव में सफाई कार्य के लिए जारी निविदा में अनुष्का कंस्ट्रकशन, अग्रवाल एंड कंपनी, श्रीराम कंस्ट्रक्शन, अर्नामेंट सिक्योरिटी सर्विस, मनोज कुमार, एडवांस सर्विस, बिमलराज आउटसोर्स में से अनुष्का कंस्ट्रक्शन एवं अर्नामेंट सिक्योरिटी सर्विस को फाइनेंशियल निविदा के लिए चुना गया, लेकिन महाप्रबंधक परियोजना ने समिति को दोबारा परीक्षण का आदेश दिया।
इसके बाद समिति ने अपने ही फैसले को बदलते हुए दोनों की ठेकों के लिए अग्रवाल एंड कंपनी, श्रीराम कंस्ट्रक्शन, मनोज कुमार की संस्तुति कर दी।
ठेके की दौड़ से बाहर होने पर एमबीसी इंफ्राटेक के निदेशक अभिषेक नागर से सीईओ से शिकायत की। जांच में खेल सामने आ गया। सीईओ ने एसीईओ को महाप्रबंधक परियोजना द्वारा दोबारा परीक्षण करने के आदेश की जांच के साथ ही तकनीकी मूल्यांकन करने वाली समिति द्वारा फैसले बदले जाने के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं।
महाप्रबंधक से अधिकार छीना
सीईओ ने परियोजना व विद्युत संबंधित कार्यों के लिए जारी होने वाली निविदा के मूल्यांकन का कार्य छीन लिया है। एसीईओ व ओएसडी की गठित समिति अब निविदा मूल्यांकन पर फैसला करेगी।