शुक्रवार को जिस वक्त कई वीवीआईपी कानपुर में मौजूद थे, ठीक उसी वक्त वहां जमकर बवाल हुआ. पुलिस पर पथराव किया गया. लोगों की भीड़ सकड़ों पर उतर आई. जिसके बाद अब इन सभी उपद्रवियों पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया है. जिसके चलते IPS अजय पाल शर्मा कानपुर भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं. कानून व्यवस्था सुधारने के मद्देनजर अजय पाल शर्मा को कानपुर भेजा गया है. अजय पाल शर्मा 2011 बैच के IPS अधिकारी हैं, जोकि हमेशा से ही अपनी कार्यशैली के चलते जाने जाते हैं. वो जहां भी तैनात रहे हैं वहां कानून का राज रहा है. इससे पहले जब लखीमपुर में हिंसा हुई थी तब भी योगी सरकार ने IPS अजय पाल शर्मा पर ही भरोसा दिखाया था.
योगी सरकाम में लगातार हुई अजय पाल शर्मा के काम की सराहना
जानकारी के मुताबिक, अजय पाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना जिले के रहने वाले हैं. अजय पाल ने आईपीएस बनने से पहले डेंटिस्ट की डिग्री ली थी. वो यूपी काडर के 2011 बैच के आईपीएस अफसर हैं. आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग सहारनपुर में हुई. जिसके बाद इन्हे मथुरा भेज दिया गया. अजय पाल शर्मा जब शामली के एसपी थे तब भी उन्होंने कई एनकाउंटर किए. योगी आदित्यनाथ की सरकार में उनके एनकाउंटरों की तारीफ भी हुई. इसी समय के बात अजय पाल शर्मा को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की भी उपाधी मिली. योगी सरकार ने कई बार इन्हें इनके काम की वजह से समेमानित किया. उसके बाद उन्हें नोएडा जैसे शहर का एसएसपी बनाया गया था.
जब लखीमपुर हिंसा के बाद भी इन्हीं ने संभाली थी कानून व्यवस्था की कमान
पिछले साल जब लखीमपुर खीरी का बवाल सिक्ख बनाम ब्राह्मण विवाद का रूप लेता जा रहा था तो ऐसे में हालात संभालने के लिए सरकार ने अजयपाल शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उस वक्त भी तेजतर्रार आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से लखीमपुर खीरी जाकर हालात संभालने का आदेश दिया था. तब अजयपाल शर्मा अभी यूपी-112 में बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तैनात थे. जब किसान आंदोलन चरम पर था, तब भी शासन ने अजयपाल शर्मा की ड्यूटी लखीमपुर खीरी में लगाई थी. बड़ी बात ये है कि उस वक्त भी अजयपाल शर्मा योगी सरकार के भरोसे पर खरे उतरे और उन्होंने हालात को काबू कर लिया. जिसके चलते एक बार फिर से सरकार ने इन्ही के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है.