कानपुर। परेड में नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल में मास्टरमाइंड बताया जा रहा हयात जफर हाशमी और उसके चार प्रमुख साथियों को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। वह बवाल के बाद से फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। हयात और उसके साथी लखनऊ में एक यूट्यूब चैनल के कार्यालय में छिपे थे। सटीक सूचना के आधार पर कानपुर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब हयात के पीएफआइ से कनेक्शन की तलाश कर रही है।
कानपुर का हयात जफर हाशमी मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष है और पहले भी माहौल बिगाड़ने के प्रयास में उसका नाम आ चुका है। शहर में बीते वर्षों में हुए उपद्रव के बाद उसका नाम सामने आया था। कानपुर में बवाल से पहले भी उसने लोगों को जोड़ने के लिए तैयारी की थी। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद से वह फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
शनिवार को पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता में पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पुलिस की अबतक की जांच में सामने आया है कि हयात और उसके साथियों ने ही उपद्रव की साजिश रची थी। उपद्रव के बाद ये सभी लखनऊ के एक यूट्यूब चैनल के कार्यालय में जाकर छिप गए थे। सटीक सूचना मिलने पर पुलिस ने लखनऊ से उन्हें पकड़ा है। उनके 6 मोबाइल और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि पिछले दिनों मणिपुर और पश्चिम बंगाल में भाजपा नेत्री के बयान पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की ओर से बंद का आह्वान किया गया था, उसी तारीख को कानपुर में भी बंद के लिए आह्नवान किया गया। इस आधार पर पुलिस जांच कर रही है कि हयात जफर हाशमी का कनेक्शन कहीं पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से तो नहीं है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद शहर में बवाल की जांच में पुलिस को पीएफआई का कनेक्शन मिला था। पीएफआई के पांच कार्यकर्ता भी गिरफ्तार किए गए थे। उनकी डिटेल भी निकलवाई जा रही है ताकि उनसे हयात जफर हाशमी के संबंधों की जानकारी की जा सके। पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस प्रकरण में तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। हयात को शनिवार को अदालत में पेश करके पुलिस पूछताछ के लिए उसका रिमांड लेगी।
मां-बेटी को आग लगने के लिए उकसाया था : कुछ साल पहले हयात ने मकान खाली कराने के लिए मां और बहन को उकसाकर डीएम कार्यालय भेजा था, जहां उसके कहने पर मां-बेटी ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी। दोनों को गंभीर हालत में एलएलआर अस्पताल लाया गया था। उपचार के दौरान मां-बेटी की मौत हो गई थी।
राशन कोटे की दुकान चलाता है हयात : हयात जफर हाशमी घर पर राशन कोटे की दुकान चलाता है और इंटरनेट मीडिया के सोशल प्लेटफार्म पर सक्रिय रहता है। बीते वर्षों में कानपुर में एनआरसी और सीएए को लेकर बवाल में भी उसकी भूमिका सामने आई थी। 21 अक्टूबर को उसने मूलगंज से मेस्टन रोड, शिवाला बाजार, रामनारायण बाजार होते हुए फूलबाग तक जुलूस ए मोहम्मदी निकाला था, जिसमें उसपर मुकदमा भी दर्ज हुआ था।