लखनऊ। Kanpur Accident कानपुर के घाटमपुर में दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रैक्टर-ट्राली ने 26 लोगों की जान ले ली। घटना देख और सुनकर सभी के रोंगटे खड़े हो गए। चर्चा शुरू हुई कि इस तरह ट्राली में सवारियां ले जानी ही नहीं चाहिए। मगर, प्रश्न यह है कि क्या यह हादसा इस तरह के हादसों पर ब्रेक लगाएगा? क्योंकि इस तरह नियम रौंदकर मौत का फर्राटा तो ट्रैक्टर-ट्रालियां कब से दौड़ रही हैं। हो सकता है कि अब इस पर सरकार सख्ती से रोक भी लगाए, लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से मार्मिक अपील की है कि जीवन अमूल्य है, कृपया लापरवाही न बरतें।
ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों और माल ढुलाई के लिए करें- सीएम योगी
- कानपुर हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए राहत राशि, उपचार आदि के निर्देश के साथ ही ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘प्रिय प्रदेशवासियों, मेरी अपील है कि ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों और माल ढुलाई के लिए ही करें। इससे सवारियों की ढुलाई कदापि न करें।
- जीवन अमूल्य है, कृपया लापरवाही न बरतें।’ यह आदेश न होकर अपील सिर्फ इसलिए है, क्योंकि ट्रैक्टर का प्रयोग ग्रामीण-किसान करते हैं। सरकार उनकी गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश नहीं लगाना चाहती।
- मगर, इस ढिलाई का अनुचित लाभ लेते हुए ग्रामीण अपने ही जीवन को दांव पर लगा रहे हैं। दरअसल, नियमत: ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्य या माल ढुलाई के लिए ही किया जा सकता है, लेकिन कई वर्षों से देखा जा रहा है कि ग्रामीण इससे सवारियों भी ढो रहे हैं।
- आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और लोगों को जान गंवानी पड़ती है। ताजा घटनाओं को ही लें तो शनिवार को ही कानपुर हादसे की कुछ समय बाद सीतापुर में ट्रैक्टर-ट्राली की भिड़ंत टैंकर से हो गई। समाचार लिखे जाने तक जनहानि का आंकड़ा पुष्ट नहीं हो सका था।
- इसी तरह 26 सितंबर को लखनऊ के इटौंजा में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से दस लोगों की मौत हो गई। 28 अगस्त को बरेली के बहेड़ी में श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्राली कैंटर से भिड़ गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
सवारियों के परिवहन में नहीं किया जा सकता ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग
करीब एक माह पहले ही हरदोई में ट्रैक्टर-ट्राली पुल से नदी में गिर गई, जिसमें छह लोगों की मृत्यु हो गई। उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद का कहना है कि नियमानुसार ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग सवारियों के परिवहन में नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह अवैध है। अभियान चलाकर लाेगों को जागरूक किया जाएगा।