नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल पद से स्थानांतरित किए जाने के बाद से लगातार सनसनीखेज बयान देने वाले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के नए बयान ने कांग्रेस को केंद्र सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया।
कांग्रेस ने पुलवामा हमले को लेकर केंद्र से पूछा है कि पुलवामा में जवानों को विमान क्यों नहीं मुहैया कराए गए और उन्हें सड़क मार्ग से क्यों जाने दिया गया, जबकि जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी सगठनों की ओर से सुरक्षा बलों पर हमले के खुफिया इनपुट लगातार मिल रहे थे। ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब देश जानना चाहता है।
”अब चुप्पी तोड़ने का आ गया वक्त”
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पीएम नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अब चुप्पी तोड़ने का वक़्त आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उन्हें जवानों से ज्यादा अपनी खुद की छवि प्यारी है।
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वहीं, पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व गवर्नर ने जो दावे किए हैं, वह बहुत ही गंभीर है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए हैं। हालांकि उनके इन दावों को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सच्चाई दबेगी नहीं।
ये कहा था जम्मू के पूर्व राज्यपाल ने
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक इंटरव्यू में यह दावा किया कि सीआरपीएफ के जवानों को यदि विमान दे दिए गए होते तो पुलवामा की घटना न होती। उनके अनुसार जवानों को ले जाने के लिए पांच विमान गृह मंत्रालय से मांगे गए थे, जो नहीं दिए गए। घटना के बाद जब पीएम ने उन्हें फोन कर घटना की जानकारी पूछी तो उन्होंने पूरी स्थिति बताई थी और कहा था कि ये हमारी गलती से हुआ है।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि यह राजनीति की नई गिरावट है। सत्यपाल मलिक को जब तक पद मिला, वह चुप बैठे रहे और अब अनाप-शनाप बयान देकर खबरों में रहना चाहते हैं। उनकी क्या महत्वाकांक्षा है, यह तो वही बताएंगे, लेकिन यह साफ है कि कांग्रेस उनका राजनीतिक इस्तेमाल कर खुद को खड़ा करना चाहती है।