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अंधविश्वास : बच्चे की बलि देकर मरे हुए पिता को पुनर्जीवित करना चाहती थी बेटी, CCTV की मदद से पकड़ी गई महिला

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नई दिल्ली। दक्षिण पूर्वी जिले के थाना अमर कालोनी पुलिस की टीम ने अंधविश्वास के चलते दो महीने के नवजात के अपहरण मामले में अपहरणकर्ता महिला को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपित महिला अपने मृत पिता को पुनर्जीवित करने के लिए नवजात की बलि देना चाहती थी। शिकायत के करीब 24 घंटे के भीतर पुलिसकर्मियों ने नवजात को सकुशल बरामद कर लिया।

अंतिम संस्कार के दौरान किसी ने बरगलाया था

आरोपित महिला की पहचान कोटला मुबारकपुर की स्वेता के रूप में हुई है। वह अपनी मां के साथ रह रही थी। बीते अक्टूबर माह में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। अंतिम संस्कार के दौरान किसी ने स्वेता से कहा था कि अगर वह नरबलि दे दे तो उसके पिता जीवित हो सकते हैं।

सूचना मिलते ही पुलिस ने शुरू कर दी थी जांच

वहीं, पुलिस उपायुक्त ईशा पांडेय ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे अमर कालोनी थाना पुलिस को गढ़ी इलाके से एक महिला द्वारा करीब दो माह के नवजात के अपहरण की खबर मिली। थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के लिए पुलिस उपायुक्त ईशा पांडेय, अतिरिक्त डीसीपी सुरेंद्र चौधरी व एसीपी कालकाजी की देखरेख और अमर कालोनी के एसएचओ के नेतृत्व वाली टीम में एसआइ राजिंदर सिंह, महिला सिपाही पूनम व अन्य शामिल रहे।

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खुद को बताया था एनजीओ का सदस्य 

जांच के दौरान नवजात की मां ने बताया कि अपहरणकर्ता महिला ने उनसे सफदरजंग अस्पताल में मिली और खुद को जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए काम करने वाले एनजीओ का सदस्य बताया। उसने मां-बच्चे को मुफ्त दवा, चिकित्सीय सलाह व जांच इत्यादि के बहाने उनका पीछा किया। नौ नवंबर यानी बुधवार को आरोपित महिला उनके घर गढ़ी के ममराज मोहल्ला में शिशु की जांच के लिए आई और 10 नवंबर यानि बृहस्पतिवार को जांच के लिए नवजात को अपने साथ ले जाने लगी।

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पीड़िता की भतीजी को कर दिया था बेहोश

इस दौरान पीड़िता ने नवजात का ध्यान रखने के लिए अपनी भतीजी को भी साथ भेज दिया। उसके बाद आरोपित महिला का एक सहयोगी गढ़ी के नीम चौक पर आया और पीड़िता की भतीजी रितु और नवजात को अपनी स्विफ्ट कार में लेकर फरार हो गया। रास्ते में रितु को कोल्ड ड्रिंक में कुछ पिलाकर बेहोश कर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रास्ते पर फेंक दिया। होश में आने के बाद रितु ने स्वजन को अपहरण की सूचना दी। स्वजन ने थाना पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई।

सीसीटीवी फुटेज से मिली महिला को गिरफ्तार करने में मदद

जांच के दौरान पुलिस टीम ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में वाहन का पंजीकरण नंबर दिखाई दिया। इसके आधार पर पुलिस ने पंजीकृत पते पर छापेमारी की, लेकिन आरोपित नहीं मिला। इसी दौरान शाम करीब चार बजे पुलिस टीम को अपहरणकर्ता महिला के कोटला मुबारकपुर स्थित आर्य समाज मंदिर के पास आने की सूचना मिली। टीम ने उक्त स्थान पर छापेमारी की और अपहरणकर्ता महिला को पकड़ कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। अपहरणकर्ता की पहचान श्वेता के रूप में हुई है।

किसी ने किया था गुमराह, कहा था जिंदा हो सकते हैं पिता

पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि अक्टूबर, 2022 में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। अंतिम संस्कार के दौरान, किसी ने उसे गुमराह किया कि एक शिशु की बलि से उसके पिता को पुनर्जीवित किया जा सकता है। इसके चलते नवजात की तलाश में वह सफदरजंग अस्पताल के प्रसूति वार्ड पहुंची और नवजात की मां के सामने खुद को एनजीओ का सदस्य बताया। पीड़िता का विश्वास जीतने के लिए वह अक्सर नवजात व उनके स्वजन से मिलने जाती थी। इसी दौरान बृहस्पतिवार को उसने नवजात के अपहरण की वारदात को अंजाम दिया।

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