नई दिल्ली। मनी लांड्रिग मामले में जमानत याचिका खारिज करने के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली अवंता समूह के प्रमोटर व व्यवसायी गौतम थापर की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत की मांग वाली थापर की याचिका पर न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने सोमवार को ईडी को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 27 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
515 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लां¨ड्रग मामले में आरोपित थापर वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। सेंट्रल जेल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि थापर को लगातार बाएं तरफ सीने में दर्द, चक्कर, ब्लैकआउट, गंभीर काठ का दर्द जैसी समस्याएं हैं।वहीं, ईडी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता नवीन कुमार मट्टा ने जमानत आवेदन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि जेल अधिकारी आवश्यक उपचार प्रदान करने के लिए सक्षम हैं।हाई कोर्ट और निचली अदालत ने इससे पहले थापर की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी।ट्रायल कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में मनी लान्डि्रंग मामले में थापर के खिलाफ दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया था।
वहीं, एक अन्य मामले में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवारों के लिए पुनर्वास नीति के तहत रोजगार की मांग को लेकर दायर एक महिला की याचिका पर राहत देने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने कहा कि केंद्रीय योजना में सिर्फ यह कहा गया है कि भर्ती के दौरान पीड़ितों को वरीयता मिलनी चाहिए। किसी भी भर्ती अभ्यास के अभाव में नियुक्ति को अनिवार्य नहीं माना जा सकता है। पीठ ने कहा कि जब भी अधिकारियों द्वारा कोई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी तो वे याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी पर विचार करने को बाध्य होंगे।
महिला ने 16 जनवरी 2006 को जारी एक आदेश के अधार पर नियुक्ति पर विचार करने की मांग की थी। महिला ने कहा कि अधिकारियों ने उनकी नियुक्ति की मांग को अवैध बताते हुए विचार करने से इन्कार कर दिया है।