नोएडा। नोएडा के सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के एपेक्स और सियान टावर ध्वस्तीकरण में हो रही तोड़फोड़ का मलबा रविवार को टावर से सीधा नीचे भूमि पर गिराने के बजाय टावर पर रोक लिया गया। ऊंचाई से गिरने वाले पत्थर और मलबे से लोगों में दुर्घटना का खतरा था। इसको लेकर निवासियों ने आपत्ति जताई थी।
इस दौरान दोनों टावरों में तोड़फोड़ से निकलने वाले मलबे को को रविवार को टावर में इकट्ठा किया जाता रहा है। लोगों की मांग के बाद रविवार को ईंट और सीमेंट को तोड़ने के बाद छज्जे और रेलिंग को मशीन से काट कर नीचे नहीं गिराया गया। इस पर स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है इससे दुर्घटना का खतरा बना रहता था।
पार्किंग ड्राइव वे को तोड़ने की प्रक्रिया हुई तेज
सोसायटी की पार्किंग डाइव वे के आधे हिस्से को रविवार को तोड़कर एपेक्स और सियान टावर से अलग कर दिया गया। पाकलेन मशीन से हुए तोड़फोड़ के दौरान भवन में कंपन होने पर लोगों की आपत्ति के बाद शुरू हुए कार्य में पार्किंग को चारों तरफ से तोड़ने के बाद लोहे की सरिया को मशीन से काटकर गिरा दिया गया है।
सोसायटी निवासी गौरव मेहरोत्रा ने बताया कि पोकलेन मशीन का उपयोग करने से लोगों ने मना कर दिया है। उनका कहना है इससे सोसायटी के टावरों पर असर पड़ता है। पार्किंग ड्राइव तोड़ने का कार्य मजदूर ही करेंगे। इससे सोसायटी के टावर सुरक्षित रहेंगे। एडफिस के परियोजना प्रबंधक मयूर मेहता ने बताया कि सोसायटी का पार्किंग ड्राइव वे तोड़कर एपेक्स और सियान टावर से अलग किए जा रहे हैं। कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
तोड़फोड़ पर हो रहे कंपन से निवासियों में डर
सुपरटेक एमराल्ड सोसायटी में दोनों टावर ( एपेक्स और सियान ) में तोड़फोड़ का कार्य किया जा रहा है। इसी के तहत सोसायटी के पार्किग ड्राइव वे को भी तोड़ने का कार्य जारी है। दो दिनों तक सोसायटी का ड्राइव वे पोकलेन मशीन से तोड़ा जा रहा था। इसके कारण आसपास के घरों में कंपन होने लगा। इसपर लोगों ने तोड़फोड़ को लेकर आपत्ति जताई, जिसके बाद ड्राइव वे तोड़ने के तरीके में बदलाव कर दिया गया। लोगों का कहना है कि पार्किंग ड्राइव वे तोड़ने के दौरान पास स्थित एस्पायर-1 और एस्टर 2 और 3 टावर में कंपन महसूस की गई। मामले में स्थानीय निवासियों की आपत्ति के बाद मजदूरों से तोड़फोड़ का कार्य शुरू कराया गया। वहीं जेसेबी से भी तोड़फोड़ का कार्य कराया जा रहा है। लोगों के विरोध के बाद सोसायटी में पांच सदस्यीय निगरानी टीम गठित की गई है। जो तोड़फोड के दौरान सोसायटी में पड़ने वाले कार्य का निरीक्षण करेंगे।