दरोगाओं के प्रमोशन में भी जुड़ेगा ट्रेनिंग का पीरियड
प्रयागराज 29 अगस्त। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में तैनात दरोगाओं को राहत देते हुए आदेश दिया है कि डायरेक्ट भर्ती के दरोगाओं को उनके द्वारा की गई ट्रेनिंग पीरियड की पूरी सैलरी देने को लेकर आलोक कुमार सिंह व अन्य के केस में विशेष अपील में पारित आदेश के अनुसार प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक भवन एवं कल्याण तथा डीजीपी हेडक्वार्टर उत्तर प्रदेश लखनऊ को आदेश पारित करने को कहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर अधिकारियों को दो माह के अंदर आदेश पारित करना है।
यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने नोएडा एनसीआर, गाजियाबाद, मेरठ जोन, आगरा जोन, प्रयागराज जोन, गोरखपुर जोन, कानपुर जोन, बरेली जोन, एवं वाराणसी जोन के विभिन्न जनपदों में तैनात दरोगाओं एवं पुलिस इंस्पेक्टरो की तरफ से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है। दरोगाओं एवं इंस्पेक्टरो की तरफ से याचिकाएं दाखिल कर कोर्ट से मांग की गई थी कि उनकी ट्रेनिंग के अवधि की सैलरी एवं ट्रेनिंग की अवधि को उनकी सेवाओं में जोड़ते हुए वेतन वृद्धि प्रदान करने का कोर्ट द्वारा निर्देश दिया जाए। याचिकाएं लोकेश कुमार गौतम तथा 114 अन्य, विपिन कुमार व 186 अन्य, मनीष कुमार सिंह व 17 अन्य, तथा अनिल कुमार वर्मा व 37 अन्य ने अलग-अलग ग्रुप वाइज दाखिल की थी।
इंस्पेक्टरो व दरोगाओं की तरफ से कोर्ट में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था की याचियों के समक्ष अन्य दरोगाओं व इंस्पेक्टर्स को ट्रेनिंग के पीरियड की अवधि के वेतन एवं भत्ते प्रदान किए गए हैं। जबकि याची इंस्पेक्टर्स व दरोगाओं को प्रशिक्षण की अवधि में स्टाइपेंड प्रति माह दिया गया है।उन्हें ट्रेनिंग की अवधि को उनकी सेवाओं में नहीं जोड़ा गया है और न ही उनको अतिरिक्त वेतन वृद्धि ट्रेनिंग पीरियड का जोड़ते हुए दिया गया है। कोर्ट में बहस की गई थी कि उक्त प्रकरण में हाईकोर्ट ने आलोक कुमार सिंह व अन्य में पारित विशेष अपील के आदेश में सीधी भर्ती द्वारा चयनित दरोगाओं को भी ट्रेनिंग की पीरियड की अवधि में वेतन दिए जाने का निर्देश दिया है।
अधिवक्ता का कहना था की सरकार विशेष अपील में पारित आदेश दिनांक 8 सितंबर 2019 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी भी हार चुकी है। इस कारण अब याचीगण को भी अन्य समकक्ष लोगों की भांति ट्रेनिंग के पीरियड की दी गई सैलरी प्रदान की जाए।