नोएडा। कोतवाली सेक्टर-113 पुलिस ने सर्फाबाद गांव से एक माह पहले लापता हुए मौसेरे भाई-बहन को खोज निकाला। दोनों महाराष्ट्र के पुणे में मजदूरी करके पेट भर रहे थे। दोनों ने पढ़ाई में कमजोर होने और आगामी बोर्ड परीक्षा में फेल होने के डर से घर छोड़ दिया था। 22 जनवरी को घर छोड़ने के बाद दोनों ने परिवार से संपर्क भी तोड़ लिया था।
गांव सर्फाबाद के एक व्यक्ति ने 24 जनवरी को दर्ज कराई एफआईआर में बताया कि उनका 15 वर्षीय बेटा और साढ़ू की 18 वर्षीय बेटी दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ते हैं। दोनों एक साथ ट्यूशन पढ़ने जाते हैं। 22 जनवरी की शाम दोनों ट्यूशन पढ़ने के लिए निकले थे, लेकिन वह देर रात तक भी घर वापस नहीं लौटे। जिसके बाद स्वजन ने उनकी तलाश शुरू की, लेकिन उनका कहीं सुराग नहीं लग सका।
गांव के सीसीटीवी में दिखे दोनों
स्वजन का कहना था कि रिश्तेदारियों में भी उनके बारे में जानकारी प्राप्त की गई थी। घटना के बाद से स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल था। स्वजन ने इस मामले में अपहरण की आशंका जताई थी। हालांकि गांव में लगे सीसीटीवी कैमरे में दोनों सकुशल ट्यूशन बैग लेकर जाते हुए दिखाई दिए, जिससे अपहरण की संभावना कम ही थी।
दोनों के लापता होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर खोजने के लिए टीम गठित की। चूंकि दोनों ने ट्यूशन जाने के बाद स्वजन से कोई संपर्क नहीं किया, जिसके चलते पुलिस संभावित स्थानों पर खोजबीन कर रही थी।
एक फोन कॉल से भाई-बहनों तक पहुंची पुलिस
दो दिन पहले अचानक युवती ने स्वजन से संपर्क किया। मोबाइल पर आई कॉल के बाद सक्रिय हुई पुलिस को लोकेशन महाराष्ट्र के पुणे से करीब 80 किलोमीटर दूर की मिली। लोकेशन मिलने के बाद पुलिस टीम स्वजन के साथ रवाना हो गई, जहां दोनों मजदूरी करते मिले। स्वजन को देखकर दोनों बिलखकर रो पड़े।
फेल होने के डर से छोड़ा था घर
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार ने बताया कि पूछताछ में स्वजन को दोनों ने बताया कि किशोर कक्षा 10 और युवती कक्षा 12 की छात्रा है। कुछ समय पहले हुए अर्धवार्षिक परीक्षा में वह फेल हो गए थे। दोनों को उम्मीद थी कि वह वार्षिक परीक्षा में फेल हो जाएंगे। इस कारण दोनों ने घर छोड़ दिया। घर से जो रुपये लेकर निकले थे कुछ समय बाद खर्च हो गए। जिसके बाद पेट भरने के लिए मजदूरी करने लगे। हालांकि दोनों के यह तर्क किसी के गले नहीं उतर रहे हैं।