लखनऊ। रियल एस्टेट कंपनी अंसल ग्रुप के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही ईडी ने लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट से उनके यहां अब तक दर्ज सभी मुकदमों की विस्तृत जानकारी मांगी है। ईडी ने उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (यूपीरेरा) और लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) से भी अंसल ग्रुप की अनियमितताओं के बारे में जानकारी देने को कहा है।
अंसल ग्रुप के खिलाफ लखनऊ में ही तीन दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। अधिकतर मुकदमे प्लाट खरीदने व निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने से संबंधित हैं। लखनऊ पुलिस ने अंसल ग्रुप के मालिक सुशील अंसल के पुत्र प्रणव अंसल के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर सितंबर 2019 में उसे लंदन जाने के दौरान दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था।
अब इसी मामले में ईडी ने अपने यहां मुकदमा दर्ज कर लखनऊ पुलिस से अंसल ग्रुप के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच के बाद अदालत में दाखिल चार्जशीट भी उपलब्ध कराने को कहा है। ईडी ने रेरा से उनके द्वारा कराई गयी अंसल ग्रुप की फोरेंसिक आडिट रिपोर्ट भी मांगी है। यह रिपोर्ट किसी फर्म या व्यक्तिगत वित्तीय जानकारी का एक ऐसा मूल्यांकन है जिसका प्रयोग अदालत में साक्ष्य के रूप में किया जाता है। धोखाधड़ी, गड़बड़ी या अन्य वित्तीय मामलों में पार्टी पर मुकदमा चलाने के लिए फोरेंसिक आडिट रिपोर्ट का भी सहारा लिया जाता है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण से अंसल ग्रुप की योजनाओं, उसके निवेशकों और ग्रुप हाउसिंग की योजनाओं को स्वीकृति देने वाले अधिकारियों की सूची मांगी है। अंसल ग्रुप के प्रोजेक्ट में रियल एस्टेट के कई बड़े लोगों ने भी निवेश किया है। एमओयू करने के बाद अंसल ग्रुप ने अपना वादा नहीं निभाया जिसकी वजह से कई निवेशकों के साथ उसका विवाद हुआ।
इसी तरह अंसल हाउसिंग में अपना आशियाना बनाने की चाहत में निवेश करने वाले आम लोगों के साथ भी धोखाधड़ी की गई है। इन विवादों से जुड़े लखनऊ में करीब तीन दर्जन से अधिक मुकदमे अंसल के खिलाफ दर्ज किए जा चुके हैं। लखनऊ के अलावा उत्तर प्रदेश व देश के कई अन्य शहरों में भी अंसल ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
ज्यादातर मुकदमे बिना जमीन खरीदे ही लोगों को प्लाट बेचने से संबंधित हैं। हाल ही में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भी अंसल ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। लखनऊ पुलिस, यूपीरेरा व लखनऊ विकास प्राधिकरण से सूचनाएं आने के बाद ईडी अंसल ग्रुप पर अपना शिकंजा कसेगी।