नोएडा सहित देशभर में 2600 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी के मामले में 400 और कंपनियों का पता चला है। जीएसटी नंबर मिलने के बाद ये कंपनियां कागजों पर अस्तित्व में भी आ गई थीं। नोएडा पुलिस ने अब तक कुल 3066 फर्जी कंपनियों का खुलासा किया है। साथ ही 800 ऐसी कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है, जिन्हें किन्हीं कारणों से जीएसटी नंबर नहीं मिल पाया। मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेशटिगेशन टीम भी गठित की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, जिन 400 फर्जी कंपनियों की जानकारी मिली है, वह देश के अलग-अलग पते पर बनाई गई हैं। इस मामले को लेकर शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री ने और दिल्ली में वित्त मंत्रालय ने बैठक की। मुख्यमंत्री ने पुलिस, एसटीएफ, जीएसटी, इंटेलिजेंस के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक कर जांच में तेजी लाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय जीएसटी समेत अन्य एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए। इस मामले को लेकर शनिवार को एसटीएफ की नोएडा यूनिट के अधिकारियों ने डीसीपी हरीश चंदर की अगुवाई में नोएडा पुलिस के साथ बैठक की और मामले से जुड़े इनपुट का आदान-प्रदान किया।
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पुलिस की गिरफ्त में आए जालसाजों ने फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी रिफंड आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया। गिरोह के फरार आरोपियों की तलाश में नोएडा पुलिस की चार टीमें देश के अलग-अलग हिस्से में दबिश दे रही हैं। शनिवार को भी टीम ने दबिश दी, पर कोई सफलता नहीं मिली।
पहली कंपनी जून 2022 में बनी
आरोपियों ने पूर्व में अलग-अलग फर्जी कंपनी बनाई थी। सरगना दीपक मुरजानी और उसकी पत्नी विनीता ने यासीन शेख के साथ ठगी का संगठित गिरोह बीते साल ही बनाया था। तीनों की ओर से पहली कंपनी जून 2022 में रजिस्टर्ड कराई गई थी। इसके बाद महज 11 महीने के भीतर तीनों ने करीब तीन हजार कंपनियां कागजों में खड़ी कर दी। यासीन ने अपने ड्राइवर और नौकर को भी कई-कई कंपनियों का मालिक बना दिया। गिरोह में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने की आशंका है। खास बात यह है कि दीपक, विनीता और यासीन को छोड़कर कम ही लोग ऐसे थे जो एक-दूसरे को जानते थे।
टेरर फंडिंग के एंगल से भी जांच हो रही
फर्जी कागजात के सहारे असली जीएसटी नंबर लेकर कंपनी बनाने वाले मामले की जांच टेरर फंडिंग और हवाला के एंगल से भी की जा रही है। आशंका जाहिर की जा रही है कि इसमें कई कारोबारियों सहित अन्य लोगों की भी संलिप्तता है। फर्जी कंपनियों के जरिये काले धन को सफेद किया जा रहा था। टेरर फंडिंग और हवाला की जांच से जुड़ी हुई एजेंसी की मामले पर पैनी नजर है।
देश के अलग-अलग हिस्से से आ रहीं कॉल
फर्जीवाड़ा की जानकारी होने के बाद नोएडा पुलिस के पास देश के अलग-अलग हिस्से से फोन आ रहे हैं। उत्तराखंड से आई एक कॉल में व्यक्ति ने बताया कि उसके पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल कर कुछ आरोपियों ने फर्जी कंपनी खोलकर 150 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन कर लिया है। जीएसटी नोटिस मिलने के बाद उन्हें इसकी जानकारी हुई।
आपके नाम से तो ठगी नहीं हो रही, ऐसे पता करें
ठेली वाले से लेकर इंजीनियर और चिकित्सक तक के नाम से फर्जी कंपनी होने की जानकारी सामने आने के बाद लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि Services.gst. gov. in पर पैन कार्ड संबंधी जानकारी भरने के बाद लोग पता लगा सकते हैं कि उनके नाम से कोई फर्म या कंपनी देश के किसी हिस्से में पंजीकृत तो नहीं है।
एसआईटी गठित होगी
फर्जीवाड़े की रकम जैसे-जैसे बढ़ रही है, केंद्रीय एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। सभी प्रमुख केंद्रीय एजेंसियों को इस बारे में नोएडा पुलिस ने सूचित कर दिया है। राज्य और केंद्र की एजेंसियों ने भी अपने स्तर से इसकी जांच शुरू कर दी है। मामले को लेकर स्पेशल इन्वेशटिगेशन टीम गठित की जा रही है। इसमें सीनियर अधिकारी मामले से जुड़े हर पहलू पर नजर रखेंगे।
दो कंपनियों पर छापेमारी
जिले की दो कंपनियों पर राज्य जीएसटी विभाग गौतमबुद्ध नगर नोएडा जोन की टीम ने गुरुवार को छापा मारा। दोनों कंपनियां फर्जी कंपनियों से लेन-देन दिखाकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रही थीं। अपर आयुक्त ग्रेड टू विशेष अनुसंधान शाखा राज्य कर राजाराम गुप्ता ने बताया कि सर्व श्री इंटरटेनमेंट सिटी लिमिटेड की जांच की गई। छापे के दौरान कंपनी से 74.85 लाख रुपये जमा कराया गया। वहीं, बुल मैन रियलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2.1 करोड़ रुपए जुर्माने के रूप में जमा किए।