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दिल का ऑपरेशन करने वाला फर्जी डॉक्टर प्रयागराज से गिरफ्तार, दमोह पुलिस की बड़ी कार्रवाई

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प्रयागराज : मध्यप्रदेश के दमोह मिशन अस्पताल में हॉर्ट पेशेंट्स का ऑपरेशन करने वाला फर्जी सर्जन नरेंद्र जॉन केम प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया है. दमोह पुलिस ने प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस की मदद से उसकी सोमवार की देर शाम गिरफ्तारी की है. नरेंद्र ने खुद को लंदन के प्रसिद्ध डॉक्टर एनजोन केम के रूप में पेश किया और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दमोह मिशनरी अस्पताल में नौकरी पा ली थी. आरोप है कि इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने ढाई महीने में 15 मरीजों की हार्ट सर्जरी की जिसमें से 7 की मौत हो गई.

मामला गर्माने पर दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने जांच बैठा दी. दमोह सीएमएचओ की शिकायत पर पुलिस ने फर्जी डॉक्टर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है. दमोह पुलिस तभी से उसकी तलाश कर रही थी. दमोह के पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने ईटीवी भारत को बताया कि डॉ. एनजोन केम (नरेंद्र यादव) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद उसकी तलाश की जा रही थी. उसके प्रयागराज में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद दमोह से एक पुलिस टीम भेजी गई थी. सोमवार की देर शाम उसे प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है. उसे दमोह जाया जा रहा है. मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां से उसकी रिमांड हासिल करने का प्रयास किया जाएगा. इसके बाद उससे पूछताछ होगी.

लंदन के फेमस डॉक्टर के नाम से किया फर्जीवाड़ा: दमोह में कई सालों से मिशनरी अस्पताल का संचालन हो रहा है. आरोप है कि इस अस्पताल में इसी साल जनवरी और फरवरी के दौरान आए मरीजों का कार्डियोलॉजिस्ट बनकर फर्जी डॉक्टर ने इलाज किया. ये शख्स खुद को लंदन का डॉ. एनजोन केम बताता था. बता दें कि एनजोन केम लंदन के मशहूर डॉक्टर है. जबकि इस फर्जी डॉक्टर का असली नाम नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव है. ये मामला सामने लाने वाले अधिवक्ता दीपक तिवारी ने बताया कि फरवरी माह में दो पीड़ित हमारे संपर्क में आए. उन्होने शिकायत की थी. इसकी जांच की तो पता चला कि 7 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

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सीएम ने लिया संज्ञान: दमोह में फर्जी डॉक्टर जॉन केम द्वारा किए गए ऑपरेशन से कथित रूप से कई लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में इस तरह के फर्जी डॉक्टरों की जांच कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. वहीं, दमोह सीएमएचओ की शिकायत पर पुलिस ने फर्जी डॉक्टर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है. राष्ट्रीय मानव आयोग की टीम भी इस मामले की जांच करने दमोह पहुंची है.

अधिकारी 2 माह तक दबाए रहे मामला: यह मामला जनवरी- फरवरी 2025 का है, लेकिन घटना के बाद से स्वास्थ्य विभाग मामले को दबाए रहा. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी ने बताया कि डॉ. जॉन केम द्वारा जनवरी-फरवरी माह के दौरान करीबन 15 हार्ट मरीजों की एंजियोप्लास्टी की थी. इसमें से 7 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसकी शिकायत सीएमएचओ से की थी, लेकिन जब उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो फिर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को शिकायत भेजी गई. वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और रिपोर्ट मांगे जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया.

मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला: जिस मिशन हॉस्पिटल में मरीजों के ऑपरेशन किए गए, उसके प्रभारी प्रबंधन पुष्पा खरे ने बताया कि डॉक्टर का नाम नरेन्द्र जोन केम है और वह मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला है. उसकी हॉस्पिटल में नियुक्ति आईडब्ल्यूयूएस एजेंसी के माध्यम से 1 जनवरी 2025 को की गई थी. नियुक्ति एजेंसी से हुई. इसलिए उनकी डिग्री के संबंध में जानकारी भी नहीं ली गई. अब इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता रवि सक्सेना का कहना है “जांच में पता चला है कि डॉक्टर की डिग्री और अनुभवन पूरी तरह फर्जी है.

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