पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा होने के बाद अनेक प्रतिक्रियाएं सामने आई है। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर सबसे सटीक टिप्पणी भारतीय किसान यूनियन बीके के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकट ने की है । साथ ही राकेश टिकैत के बड़े भाई तथा बीके यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकट ने भी चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर प्रतिक्रिया दी है।
राकेश टिकैत की दो टूक
स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न देने पर राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है । राकेश टिकैत ने कहा है कि स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह किसानों तथा मजदूरों के सच्चे मसीहा थे। उन्हें भारत रत्न देने के लिए भारत के किसान भारत सरकार का आभार जताते हैं। प्रसिद्ध किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत रत्न देना तो स्वागत के योग्य कदम है किंतु जिन किसानों के लिए चौधरी चरण सिंह जीवन भर संघर्ष करते रहे उन किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम भी तो मिलने चाहिए। जब तक किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम नहीं मिलते हैं तब तक चौधरी चरण सिंह का सपना अधूरा ही रहेगा। राकेश टिकैत ने जोर देकर कहा कि सरकार को किसानो की सभी फसलों का एएमएसपी तुरंत घोषित कर देना चाहिए। किसान अपने हकों के लिए लड़ रहे हैं, उनकी बात को सुने बिना सरकार का कुछ भला होने वाला नहीं है।
नरेश टिकैत बोले, सरकार का धन्यवाद
स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का बयान भी आया है। नरेश टिकैत ने कहा कि हम स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की फैसले से बहुत खुश हैं। इस फैसले के लिए केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक धन्यवाद हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम देकर चौधरी चरण सिंह के दिखाए हुए मार्ग पर चलने का काम करेगी।
आरएलडी ने बताया ऐतिहासिक दिन
स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के फैसले को राष्ट्रीय लोकदल ने ऐतिहासिक दिन बताया है । सोशल मीडिया के एक पर आरएलडी ने लिखा है कि किसान मसीहा पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने से देश के किसान कमजोर दलित वंचित एवं शोषित वर्ग को सम्मान मिला है। आरएलडी ने आगे लिखा है कि यह सम्मान भारत के उन लहलहाते हुए खेतों को भी मिला है जहां चौधरी चरण सिंह की आत्मा बसती है।