ग्रेटर नोएडा। फिल्म सिटी (Film City) की निविदा और कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों में बदलाव हो गया है। हालांकि अभी इसे सचिव समिति की स्वीकृति मिलना शेष है। नई शर्तों के तहत फिल्म सिटी के लाइसेंस की अवधि को 40 से बढ़ाकर 90 साल करने व विकासकर्ता को डिजायन में छूट का प्रविधान किया गया है।
सितंबर में दोबारा निकाला जाएगा टेंडर
सितंबर में फिल्म सिटी की वैश्विक निविदा फिर से जारी होने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-21 में फिल्म सिटी की योजना तैयार की थी। फिल्म सिटी के विकासकर्ता के चयन को पिछले साल नवंबर में वैश्विक निविदा भी जारी हुई थी।
निविदा प्रक्रिया जून में पूरी हुई। सिर्फ एक ही कंपनी ने निविदा डाली, पर शर्तों को पूरी न करने से उसे रद कर दिया गया था। साथ ही फिल्म सिटी की निविदा व कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों में संशोधन की कवायद शुरू हुई। लखनऊ में शनिवार को हुई बैठक में निविदा व कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों को अंतिम रूप दे दिया गया। इसके तहत विकासकर्ता को 40 साल की बजाय 90 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा।
कंट्रोल डिजायन के बजाय अपनी सुविधानुसार फिल्म सिटी के विकास की छूट होगी। निविदा प्रक्रिया में शामिल होने के लिए दायरा बढ़ाते हुए इसमें ओटीटी, ब्राडकास्ट, मीडिया एंटरटेंमेंट, इंस्टीट्यूट आदि को भी अनुमति दे दी गई है। इससे पहले फिल्म निर्माण क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों को ही अनुमति थी। सचिव समिति व प्रदेश कैबिनेट की मंजूरी के बाद वैश्विक निविदा जारी होगी।
10 हजार करोड़ की है परियोजना
परियोजना 10 हजार करोड़ की है। सेक्टर 21 में 1000 एकड़ में ये तीन चरण में विकसित होगा। पहला चरण 2024 में पूरा होने की संभावना है। इसमें फिल्म निर्माण से जुड़ा ढांचा, फिल्म इंस्टीट्यृट, एम्यूजमेंट पार्क, आउटडोर लोकेशन आदि हैं।
हाइब्रिड फाइनेंशियल माडल होगा फिल्म सिटी से राजस्व के लिए हाइब्रिड फाइनेंशियल माडल होगा। एकमुश्त निर्धारित प्रीमियम के अलावा फिल्म सिटी को होने वाली सालाना कमाई से 116 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष या दो प्रतिशत राशि जो भी अधिक होगी, वह मिलेगी।