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नोएडा में पांच उद्योगों और बिल्डरों पर 38.77 लाख रुपये का लगा जुर्माना, वायु प्रदूषण फैलाने का मामला

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नोएडा। जिले में एक अक्टूबर से ग्रेप लागू होगा, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा ने ग्रेप लागू होने से पूर्व ही सितंबर में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस वर्ष सितंबर में अकेले अबतक नियमों का उल्लंघन करने पर पांच उद्योगों और बिल्डरों पर यह कार्रवाई की गई है। इन पर 38 लाख 77 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है।

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी उत्सव शर्मा का कहना है कि इंडस्ट्रियल पाल्यूशन (आइपी) पर पांच उद्योगों पर 22 लाख 42 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाय गया है। वहीं, वायु प्रदूषण फैलाने वाले लगभग कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलीशन (सीडी) से जुड़े करीब 20 बिल्डर पर 16 लाख 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।

टीम ने बिल्डर की साइट का दौरा किया तो वहां पर ग्रीन एयर वैरियर और एंटी स्माग गन नहीं मिली। वाहनों के आवागमन से धूल उड़ती मिली। निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री खुले में पड़ी थी। निर्माण कार्य व वाहनों के आवागमन के कारण धूल उड़ रही थी।

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नेट कवरिंग नहीं थी और न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा था। इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। एनजीटी के नियमों एवं ग्रेप के नियमों का पालन कराने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार कार्रवाई कर रहा है।

ग्रेटर नोएडा की हवा हुुई खराब

औद्योगिक नगरी में अक्टूबर की शुरुआत से पहले ग्रेटर नोएडा की हवा खराब हो गई है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 284 के साथ खराब व नोएडा का एक्यूआइ 170 के साथ मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है।

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आगामी दिनों में हवा की रफ्तार कम होने के कारण हवा और खराब हो सकता है। हर साल सितंबर के अंतिम और अक्टूबर के शुरुआती में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई चीजों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। पिछले साल इंडस्ट्रियल एरिया पर प्रतिबंध लगाया गया था। इस बार इसमें डीजल जनरेटर को भी शामिल किया गया है।

हालांकि, सोसायटी में लिफ्ट चलाने और अस्पताल की मशीन में डीजल जनरेटर का उपयोग किया जा सकेगा। 31 दिसंबर तक सभी हितधारकों को अपने डीजल जनरेटर को बदलना होगा, या फिर उनमें बदलाव करके मान्यता प्राप्त गैस किट लगानी होगी। जिससे इससे होने वाले वायु प्रदूषण पर लगाम लग सके।

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