नई दिल्ली। इजरायली दूतावास के पीछे गत 26 दिसंबर को हुए धमाके के मामले में नई दिल्ली जिला के तुगलक रोड थाना पुलिस ने विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। चार दिनों तक नई दिल्ली जिला पुलिस, स्पेशल सेल, एनआईए और एनएसजी द्वारा गहन जांच के बाद शुक्रवार रात मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के निर्देश पर विस्तृत जांच के लिए केस को स्पेशल सेल में ट्रांसफर कर दिया गया है।
विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था सागर प्रीत हुड्डा ने इसकी पुष्टि की है। मंगलवार शाम करीब 5.45 बजे दूतावास के पिछले दरवाजे के पास जोरदार धमाका होने की पुलिस को कॉल मिली थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस समेत सभी केंद्रीय एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी। मौके से विस्फोट से संबंधित कोई सामान न मिलने पर पुलिस को विस्फोट में किसी रसायन का इस्तेमाल किए जाने का शक गहराया, जिससे बाद विस्फोटक का पता लगाने के लिए अगले दिन बुधवार सुबह एनएसजी की फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया, ताकि संदेह से पर्दा उठ सके कि धमाका हुआ भी या नहीं। अगर हुआ तो उसमें किस तरह के रसायन व अन्य सामान का इस्तेमाल किया गया।
फॉरेंसिक टीम ने कई नमूने एकत्र किए
एनएसजी की फॉरेंसिक टीम वर्तमान में सबसे सशक्त मानी जाती है। इसलिए एनएसजी के फरेंसिक विशेषज्ञों को घटनास्थल पर बुलाया गया। फोरेंसिक विशेषज्ञ धमाके वाले जगह पर लगे पौधे की पत्तियों और घास से काफी नमूने एकत्र किए, जिनमें विस्फोट के लिए इस्तेमाल किए गए रसायन होने का संदेह हुआ। फॉरेंसिक विशेषज्ञ पौधे की टहनियों और कुछ जगहों के घास भी काटकर जांच के लिए अपने साथ ले गए। एनएसजी की डाग स्क्वायड ने दो कुत्तों के जरिये घटनास्थल के चारों तरह का निरीक्षण किया।
पौधे की झाड़ियों में मिली चिट्ठी
मंगलवार शाम धमाके की सूचना मिलने पर पुलिस व विभिन्न एजेंसियां जब घटनास्थल पर पहुंची तब एक पौधे की झाड़ियों पर एक पेज की चिट्ठी मिली। अंग्रेजी में लिखी चिट्ठी में राजनयिक के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। चिट्ठी पर झंडे बने थे। साथ ही उसमें ‘सर अल्लाह रेजिस्टेंस’ लिखा हुआ था। जांच एजेंसियों को शक है कि यह नाम किसी संगठन का हो सकता है। चिट्ठी में यहूदी, फिलिस्तीन और गाजा जैसे शब्दों का उल्लेख किया गया था। पुलिस का कहना है कि अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है जिससे जांच आगे बढ़ सके।