नई दिल्ली। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने रविवार को भारतीय वकीलों को आश्वासन दिया कि विदेशी अधिवक्ताओं और ला फर्मों को किसी भी अदालत या न्यायिक मंच पर पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
‘सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बारे में सलाह दे सकते हैं वकील’
बीसीआइ ने कहा कि वे केवल अपने मुवक्किलों को विदेशी कानूनों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बारे में सलाह दे सकते हैं। बीसीआइ का यह आश्वासन विदेशी वकीलों और ला फर्मों को कुछ क्षेत्रों में वकालत करने की अनुमति देने के उसके हालिया फैसले के बाद आया है, जिस पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आई हैं और कुछ गलतफहमियां भी पैदा हुई हैं।
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बीसीआइ के फैसले पर बार के नेताओं मिलीजुली प्रतिक्रिया आई
हाल ही में बीसीआइ ने विदेशी वकीलों और कानून फर्मों को विदेशी कानून, अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों और मध्यस्थता मामलों जैसे क्षेत्रों में अभ्यास करने की अनुमति देने का एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। भारत में विदेशी वकीलों और विदेशी ला फर्मों के पंजीकरण और विनियमन के लिए बार काउंसिल आफ इंडिया रूल्स, 2022 को अधिसूचित करने के बीसीआइ के फैसले पर बार के नेताओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई।
बीसीआइ सचिव श्रीमंतो सेन ने जारी किया बयान
बीसीआइ सचिव श्रीमंतो सेन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि विदेशी वकीलों और ला फर्मों को अपने मुवक्किलों को केवल विदेशी कानूनों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बारे में सलाह देने की अनुमति होगी।