नई दिल्ली। एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले में एन एस ई की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर चित्रा रामकृष्ण को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। इससे पहले कोर्ट ने चित्रा रामकृष्ण को 7 दिनों के लिए सीबीआई रिमांड पर भेजा था जो आज पूरी हो गई। इस मामले में सह आरोपित आनंद सुब्रमण्यम को कोर्ट 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज चुका है। दरअसल, सीबीआइ को-लोकेशन घोटाले मामले में दिल्ली के एक स्टाक ब्रोकर की जांच कर रही थी।
इस दौरान जांच एजेंसी को एनएसई के शीर्ष अधिकारियों की संलिप्तता का पता चला। इसके बाद सीबीआइ ने जांच का दायरा बढ़ाया और 25 फरवरी को एनएसई के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमणियन को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान यह भी पता चला कि चित्रा रामकृष्ण एक कथित ‘गुरु’ के कहने पर एनएसई के फैसले लिया करती।
फोरेंसिक आडिट में सुब्रमणियन को ही कथित गुरु बताया गया था, लेकिन जब सेबी ने इस मामले की अंतिम जांच रिपोर्ट जारी की तो उसने इस दावे को खारिज कर दिया। रवि नारायण की जगह वर्ष 2013 में चित्रा रामकृष्ण एनएसई की सीईओ बनी थीं। शुरुआत में उन्होंने सुब्रमणियन को अपना सलाहकार नियुक्त किया था, लेकिन बाद सालाना 4.21 करोड़ रुपये के वेतन पर समूह संचालन अधिकारी के पद पर प्रोन्नत कर दिया। दरअसल, चित्रा रामकृष्ण मार्केट रेगुलेटर सेबी की जांच के घेरे में भी हैं।
उन पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप लगा था। सेबी को आडिट रिपोर्ट में इन धांधलियों का पता चला तो पूंजी बाजार नियामक ने चित्रा रामकृष्ण पर तीन करोड़, एनएसई और सुब्रमणियन पर दो-दो करोड़, मुख्य नियामक अधिकारी और अनुपालन अधिकारी वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
वर्ष 2016 में चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई छोड़ दिया था। सीबीआई ने एनएसई के एक ब्रोकर द्वारा को-लोकेशन सुविधा के कथित दुरुपयोग की जांच भी चल रही थी। फिलहाल, सीबीआई रिमांड पूरी होने पर उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।