महीनों से बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट बिक रही है, जिसे खरीदने के लिए जिंदल पावर लिमिटेड सबसे आगे दिख रहा है. गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्राउंडेड एयरलाइन गो फर्स्ट को जिंदल पावर लिमिटेड से रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) मिली है. ईओआई किसी भी कंपनी को खरीदने के लिए पहला कदम होता है.
ईओआई के बाद बोली प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बिना ईओआई फाइल किए कोई भी बोली नहीं लगा सकता है. गो फर्स्ट में निवेश रखने वाले एक पीएसयू बैंक के एक बैंकर ने रॉयटर्स को बताया कि जिंदल पावर एकमात्र सफल आवेदक था, जिसकी ईओआई को बैंकों ने स्वीकार किया है.
दो और कंपनियों ने किया था अप्लाई
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली उत्पादन कंपनी जल्द ही औपचारिक बोली जमा कर सकती है. ईओआई जमा करने की आखिरी तारीख 28 सितंबर थी. जिंदल के अलावा दो और विदेशी संस्थाओं ने ईओआई जमा किया था, लेकिन कर्जदाताओं द्वारा तय मानदंडों के पूरा करने में विफल रहने के कारण उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया था. उसके बाद आवेदनों का आकलन करने के लिए कर्जदाताओं की बैठक की गई थी.
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गो फर्स्ट पर किन बैंकों का कर्ज
गो फर्स्ट पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक और डॉयचे बैंक का भारी कर्ज है. एयरलाइन पर इन बैंकों का कर्ज 6,521 करोड़ रुपये है. ऐसे में बैंक इस एयरलाइन की नीलामी से ये कर्ज जुटाने की तैयारी में हैं.
तीन मई से बंद है उड़ान
गौरतलब है कि गो फर्स्ट ने फाइनेंशियल दिक्कतों और इंजन संबंधी समस्यओं के कारण तीन मई को ही उड़ान को बंद कर दिया था और दिवालिया समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है. जल्द ही दिवालियापन समाधान प्रक्रिया पर फैसला आ सकता है.