ग्रेटर नोएडा। दिल्ली से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रैपिड ट्रेन कनेक्टिविटी के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने चार विकल्प सुझाए है।
गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक रैपिड ट्रेन के लिए एलिवेटेड ट्रैक बनाने का सुझाव दिया है, लेकिन यमुना प्राधिकरण ने चारों ही विकल्प को खारिज दिया है।
एनसीआरटीसी ने जिस रूट पर ट्रैक का विकल्प दिया है, वहां अभी यमुना प्राधिकरण के सेक्टर नियोजित नहीं हुए हैं। परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए जमीन अधिग्रहण पर प्राधिकरण को भारीभरकम रकम खर्च करनी होगी।
प्राधिकरण ने डीएनडी, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे व यमुना एक्सप्रेस वे के समानांतर रैपिड ट्रेन की व्यावहारिकता रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
डीएमआरसी से तैयार कराई थी डीपीआर
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली समेत एनसीआर में कनेक्टिविटी के विभिन्न विकल्प तैयार किए जा रहे है। एयरपोर्ट को मेट्रो कनेक्टिविटी के लिए डीएमआरसी से डीपीआर तैयार कराई गई थी, लेकिन शासन ने मेट्रो की धीमी रफ्तार और परियोजना की अधिक लागत को देखते हुए रैपिड ट्रेन की संभावनाएं तलाशने के यमुना प्राधिकरण को निर्देश दिए थे।
इसकी जिम्मेदारी एनसीआरटीसी को दी गई, लेकिन ने मंगलवार को प्राधिकरण अधिकारियों के सामने व्यवहारिकता रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण दिया। दिल्ली मेरठ आरआरटीएस के गाजियाबाद स्टेशन से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रैपिड ट्रेन कनेक्टिविटी का विकल्प सुझाया है।
सेक्शन एक
रूट के पहले सेक्शन में गाजियाबाद स्टेशन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चार मूर्ति गोलचक्कर तक आठ किमी लंबा ट्रैक बनाया जाएगा। इसके आगे सेक्शन दो में चार मूर्ति से कासना तक 26 किमी लंबे ट्रैक के लिए तीन विकल्प दिए हैं।
पहले विकल्प में चार मूर्ति गोलचक्कर से ग्रेटर नोएडा वेस्ट नालेज पार्क पांच होकर, दूसरे विकल्प में चार मूर्ति गोलचक्कर से सुरजपुर-कासना रोड होते हुए व तीसरे विकल्प में ग्रेटर नोएडा वेस्ट व सूरजपुर कासना रोड होते हुए ट्रैक का सुझाव दिया है।
कासना के आगे नोएडा एयरपोर्ट तक 28 किमी लंबा ट्रैक होगा। परीचौक पर इसे एक्वा मेट्रो से जोड़ने का सुझाव दिया है। एनसीआरटीसी का कहना है कि रैपिड ट्रेन के सुझाए विकल्प पर यात्री उपलब्ध होंगे।
नॉलेज पार्क परीचाैक होकर ट्रैक बनाने की सिफारिश
एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट नॉलेज पार्क पांच, परीचौक होकर ट्रैक बनाने का सुझाव दिया है। इस रूट की कुल लंबाई 72.2 किमी व शुरुआत में 3.68 लाख सालाना यात्री मिलने का आकलन किया है। व्यस्त समय में पांच हजार यात्री प्रति फेरा मिलने का आंकलन है।
पांच से छह किमी पर स्टेशन का सुझाव
गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट के बीच 38 स्टेशन बनाने का सुझाव दिया है। प्रत्येक दो स्टेशन के मध्य पांच से छह किमी की दूरी रखी जा सकती है। इस पर सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाई जा सकेगी। ट्रैक निर्माण पर प्रति किमी ढाई सौ करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया है।
यह स्टेशन किए प्रस्तावित
- एनसीआरटीसी ने सिद्धार्थ विहार
- गाजियाबाद दक्षिण
- ग्रेटर नोएडा सेक्टर 16सी
- ग्रेटर नोएडा वेस्ट चार मूर्ति चौक
- ईकोटेक 12
- सेक्टर दो
- सेक्टर तीन
- सेक्टर 10
- सेक्टर 12
- नॉलेज पार्क पांच
- पुलिस लाइन सूरजपुर
- सूरजपुर
- मलकपुर
- ईकोटेक दो
- नॉलेज पार्क तीन
- गामा एक
- परीचौक
- ओमेगा दो
- फाई तीन
- ईकोटेक एक एक्सटेंशन
- ईकोटेक छह
- ईकोटेक सात व आठ
- दादूपुर
- दनकौर
- जुनैदपुर
- यीडा सेक्टर 17
- सेक्टर 18
- सेक्टर 15
- सेक्टर 15ए
- सेक्टर 20 चांदपुर
- सेक्टर 21
- सेक्टर 34 रबूपुरा
- सेक्टर 28
- सेक्टर 32
- सेक्टर 29
- सेक्टर 30
- एनआइए पीटीसी
- एयरपोर्ट टर्मिनल
प्राधिकरण ने सुझाव किए खारिज
यमुना प्राधिकरण ने एनसीआरटीसी के सुझाए विकल्प को खारिज कर दिया है। प्राधिकरण डीएनडी, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेस वे होकर एयरपोर्ट तक ट्रैक बनाना चाहता है। इससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ यमुना प्राधिकरण के आवासीय व औद्योगिक सेक्टर को भी कनेक्टिविटी मिलेगी।
एक्सप्रेस वे के किनारे एलिवेटेड ट्रैक बनाने के लिए प्राधिकरण के पास पहले से ही जमीन उपलब्ध है। जमीन खरीद पर प्राधिकरण को अलग से राशि व्यय नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही प्राधिकरण जिन सेक्टरों में जमीन आवंटित कर चुका है, वह रैपिड ट्रेन से जुड़ जाएंगे। यह रूट करीब 65 किमी का होगा।
एनसीआरटीसी द्वारा दिए गए विकल्प
- गाजियाबाद-ग्रेटर नोएडा वेस्ट होकर नोएडा एयरपोर्ट -70.4 किमी, अनुमानित यात्री 2.89 लाख
- गाजियाबाद-सूरजपुर-कासना मार्ग-परीचौक- नाेएडा एयरपोर्ट- 70.7 किमी, यात्री 3.11 लाख
- गाजियाबाद-ग्रेटर नोएडा वेस्ट-नालेज पार्क पांच-परीचौक- नोएडा एयरपोर्ट-72.2 किमी, अनुमानित यात्री 3.68 लाख
एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी करते हुए रैपिड ट्रेन परियोजना बनाने का सुझाव दिया है। प्राधिकरण ने डीएनडी से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेस वे के समानांतर संभावनाएं तलाशने के लिए रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इससे प्राधिकरण के सभी सेक्टरों को कनेक्टिविटी हो जाएगी। एक सप्ताह में रिपोर्ट मिल जाएगी।
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण